अपडेटेड 14 January 2024 at 22:22 IST
JNU कुलपति ने बताया Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा के दिन अपना प्लान, कहा- भारतीय सभ्यता और हर इंसान...
JNU कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन आत्म-गौरव और आत्म-सम्मान का आंदोलन है।
JNU VC on Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) की कुलपति शांतिश्री डी पंडित का बयान सामने आया है। वैसे तो JNU अपने आंदोलनों और छात्रों को लेकर सुर्खियों रहता है, लेकिन अब अयोध्या राम मंदिर पर दिया JNU कुलपति का बयान सुर्खियाों में है। JNU VC ने बताया है कि वो 22 जनवरी के दिन को कैसे सेलिब्रेट करेंगी।
खबर में आगे पढ़ें…
- राम मंदिर पर JNU VC का बयान
- कहा- अपनी सभ्यता पर गर्व है
- 'राम मंदिर एक आदर्श बदलाव लाएगा'
JNU कुलपति ने भगवान राम को एकजुट करने वाली शक्ति बताते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भारत के सभ्यतागत इतिहास के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए महत्वपूर्ण है और यह देश में एक आदर्श बदलाव लाएगा। शांतिश्री पंडित ने कहा कि, 'राम मंदिर आंदोलन आत्म-गौरव और आत्म-सम्मान का आंदोलन है। यह भारतीय सभ्यता और हर इंसान और भारतीय के लिए भारतीय पहचान का पुनरुत्थान है।' उन्होंने कहा कि मैं 22 जनवरी का दिन अपने घर मनाऊंगी।
'अपनी सभ्यता पर गर्व है'
JNU VC शांतिश्री डी पंडित ने कहा कि भगवान राम अनेकता में एकता के प्रतीक हैं, मैं तमिलनाडु से आती हूं, मेरे लिए और यहां तक कि दक्षिण-पूर्व एशिया में भी राम का वही अर्थ है। एक नागरिक, एक शिक्षाविद् के रूप में, मुझे अपनी सभ्यता पर गर्व है क्योंकि यह सबसे महान सभ्यताओं में से एक है।'
'राम मंदिर एक आदर्श बदलाव लाएगा'
अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के बारे में उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण देश में एक आदर्श बदलाव लाएगा और अगर किसी को अपने देश के साथ एकात्म होना है तो ये प्रतीक ही हैं, जो लोगों को एकजुट कर पाएंगे। राम मेरे लिए एकात्मकता के प्रतीक हैं। राम पूरे देश के लिए एकात्मकता के प्रतीक हैं। राम मंदिर का निर्माण भारत के सभ्यतागत इतिहास के साथ सामंजस्य बिठाने के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि यह एक आदर्श बदलाव है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 14 January 2024 at 22:22 IST