अपडेटेड 18 December 2025 at 17:19 IST
Delhi Crime: दिल्ली पुलिस की साइबर ठगों पर बड़ा एक्शन, 2 अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश, 8 मोबाइल और 8 सिमकार्ड बरामद
दिल्ली पुलिस ने साइबर ठगी के लिए म्यूल बैंक अकाउंट सप्लाई करने वाले 2 अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। इसमें 9 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। ठगी की रकम क्रिप्टो में बदल दी जाती थी। इस तरह करते थे ठगी।
Delhi Cyber Fraud News: दिल्ली पुलिस की नॉर्थ डिस्ट्रिक्ट साइबर सेल ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने साइबर ठगी के लिए म्यूल बैंक अकाउंट उपलब्ध कराने वाले दो अंतरराज्यीय गिरोहों का भंडाफोड़ किया। यह कार्रवाई ऑपरेशन CY-HAWK 2.0 के तहत की गई, जिसमें ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी, पार्ट-टाइम जॉब स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और वित्तीय फ्रॉड शामिल थे। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, ये गैंग सोशल मीडिया जैसे टेलीग्राम और इंस्टाग्राम के जरिए लोगों को फंसाते थे। ठगी की रकम को म्यूल अकाउंट्स से घुमाकर क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता था।
पहले मामले में 21 साल के कॉलेज छात्र सुमन कुमार को व्हाट्सएप पर पार्ट-टाइम नौकरी का लालच दिया गया। शुरुआत में छोटे-छोटे टास्क कराकर उसे पैसे दिए गए, जिससे उसका भरोसा जीत लिया गया। बाद में उससे अलग-अलग बैंक खातों में कुल 93,000 रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। जब और पैसे मांगे गए, तब उसे ठगी का एहसास हुआ और उसने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
ऐसे हुआ ठगी नेटवर्क का खुलासा
दूसरे मामले में NCRP पोर्टल पर आई कई शिकायतों की जांच के दौरान पता चला कि अलग-अलग साइबर ठगी की रकम कुछ चुनिंदा बैंक खातों में जा रही थी। SBI बुराड़ी ब्रांच के एक खाते की जांच में सामने आया कि यह रकम कई लेयर में घुमाई जा रही है। इसके बाद पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ और एक और FIR दर्ज की गई।
अलग अलग राज्यों से 9 आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की टीमों ने 100 से ज्यादा मोबाइल नंबरों के CDR, IMEI डेटा, बैंक ट्रांजैक्शन और डिजिटल फॉरेंसिक जांच की। लगातार निगरानी के बाद दिल्ली, गाजियाबाद, गुरुग्राम और जयपुर में कई जगह छापेमारी की गई। इस दौरान 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
जांच में सामने आया कि कुछ आरोपी बैंक अकाउंट खोलकर उनके नेट बैंकिंग डिटेल्स, सिम कार्ड और कॉर्पोरेट अकाउंट दूसरे लोगों को बेचते थे। वहीं कुछ आरोपी टेलीग्राम पर विदेशी खरीदारों से संपर्क कर ठगी की रकम को USDT जैसी क्रिप्टोकरेंसी में बदलवाते थे। हर लेन-देन पर उन्हें मोटा कमीशन मिलता था।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 18 December 2025 at 17:19 IST