अपडेटेड 16 July 2024 at 21:26 IST
दिल्ली: सरकार STP इंजीनियरों को दंडित करने पर कर रही है विचार, यमुना में प्रदूषण है कारण
इस साल मार्च में दिल्ली ने अपनी अवजल शोधन क्षमता को बढ़ाकर 814 मिलियन गैलन प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह भी हासिल नहीं हो सका।
दिल्ली सरकार का प्रदूषण नियंत्रण निकाय उन अवजल शोधन संयंत्रों (एसटीपी) के मुख्य अभियंताओं को दंडित करने की योजना बना रहा है जहां निर्धारित मानकों के अनुसार अपशिष्ट जल का शोधन नहीं होता है। यह जल यमुना नदी में जल प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। उपचारित अपशिष्ट जल में ‘बॉयोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड’ (बीओडी) और ‘टोटल सस्पेंडेट सॉलिड्स’ (टीएसएस) 10 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम होना चाहिए। दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए यह महत्वपूर्ण है।
मासिक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार
राष्ट्रीय राजधानी में दिसंबर 2023 तक निर्धारित मानकों के अनुसार समूचे अवजल के उपचार का काम पूरा नहीं हो पाया। जल शक्ति मंत्रालय को भेजी गई यमुना नदी के पुनरुद्धार पर मासिक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को छह महीने का विस्तार मिला था, लेकिन वह लक्ष्य पूरा करने में विफल रहा।
इस साल मार्च में दिल्ली ने अपनी अवजल शोधन क्षमता को बढ़ाकर 814 मिलियन गैलन प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह भी हासिल नहीं हो सका। जल शक्ति मंत्रालय को सौंपी गई नवीनतम मासिक प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, अब डीजेबी का लक्ष्य दिसंबर 2024 तक 922 एमजीडी और मार्च 2025 तक 964.5 एमजीडी की अवजल शोधन क्षमता तक पहुंचना है।
पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया, "हम डीजेबी को लगातार काम में तेजी लाने और समयसीमा में पूरा करने का अनुरोध करते रहे हैं। हमने डीजेबी पर जुर्माना भी लगाया है। अब हमने मौजूदा एसटीपी के उन्नयन और नए एसटीपी के निर्माण की देखरेख करने वाले मुख्य अभियंताओं को जवाबदेह बनाने का फैसला किया है।"
अधिकारी ने कहा, "यदि विशिष्ट अवजल शोधन संयंत्रों के लिए जिम्मेदार मुख्य अभियंता मानकों का पालन नहीं करते हैं तो हम उन पर व्यक्तिगत दंड लगाएंगे।"
(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 16 July 2024 at 21:26 IST