अपडेटेड 27 May 2024 at 19:05 IST
बेबी केयर में 7 मासूमों की मौत के बाद जागी दिल्ली सरकार, अस्पतालों को फायर ऑडिट रिपोर्ट देने को कहा
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को 8 जून तक फायर ऑडिट पूरा कर अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
Baby Care Fire : दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर में हुए अग्निकांड में 7 मासूमों की जिंदगी चली गई। 7 मांओं ने अपने दुधमुंहे नौनिहालों को खो दिया। क्या पता था जिस बेबी केयर में वो अपने जिगर के टुकड़ों को जिंदगी देने के लिए लाए हैं वो उनके लिए लाक्षागृह साबित होगा।
7 मासूमों की मौत के बाद दिल्ली सरकार की नींद टूटी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने राज्य के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को 8 जून तक फायर ऑडिट पूरा कर अनुपालन रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
भारद्वाज ने बताया कि इस अस्पताल का मालिक पश्चिम पुरी इलाके में एक ऐसा ही अस्पताल चलाता है। उनके खिलाफ पहले भी अलग-अलग मामलों में दो मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। एक बार औचक निरीक्षण के दौरान उनके अस्पताल में खामियां पाए जाने पर मामला दर्ज किया गया था और अगली बार उन्हें बिना पंजीकरण के अस्पताल चलाते हुए पाया गया था। हमें उन मामलों में जल्द फैसले की उम्मीद है, ताकि उसे सजा मिल सके।
भारी लापरवाही का नतीजा है मासूमों की मौत
दिल्ली पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि इस नर्सिंग होम की Noc परमिशन 31 मार्च को ही खत्म हो गई थी। बता दें, दिल्ली सरकार के हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से Noc का परमिशन दिया जाता है। ऐसे में इन नवजात मासूमों की मौत का जिम्मेदार किसे ठहराया जाए? दिल्ली के विवेक विहार में न्यूबॉर्न बेबी केयर सेंटर से 26 मई की सुबह एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई, जिससे दिल दहल जाएगा। दरअसल, आग लगने की वजह से अस्पताल में भर्ती 11 में से 7 नवजात बच्चों की मौत हो गई।
25 मई की देर रात को करीब 11 बजकर 32 मिनट पर दिल्ली फायर ब्रिगेड को आग लगने की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही दमकल की नौ गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया, लेकिन आग पर सुबह 4 बजे के करीब काबू पाया जा सका। मामले में डीएफएस प्रमुख अतुल गर्ग के मुताबिक "विवेक विहार क्षेत्र के ब्लॉक बी, आईटीआई के पास, बेबी केयर सेंटर से आग लगने की सूचना मिली थी। कुल नौ दमकल गाड़ियां भेजी गईं।"
मरने वाले मासूमों में 3 बच्ची और 4 बच्चा शामिल
बता दें, इस दर्दनाक घटना में जो 7 बजे मरे हैं, उनमें 3 बच्चियां और 4 बच्चे शामिल हैं। इनमें से 6 बच्चे महज 15 दिनों के थे और 1 बच्चा 25 दिन का था। कई बच्चे अब भी लापता हैं। कुछ बच्चे तो इनमें से ऐसे हैं, जिन्हें उनके माता-पिता ने सही से गोद में खिलाया भी नहीं था।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 27 May 2024 at 18:54 IST