अपडेटेड 19 September 2024 at 18:43 IST

कहीं आपका कॉल डिटेल रिकॉर्ड तो नहीं बेच डाला? 100 से ज्यादा मोबाइल डाटा का किया सौदा, बड़ा खुलासा

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स के कॉल डिटेल रिकॉर्ड और लोकेशन हासिल करने और बेचने के अवैध कारोबार में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया।

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Crime Branch busted the gang by laying a trap | Image: Republic

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स के कॉल डिटेल रिकॉर्ड और लोकेशन हासिल करने और बेचने के अवैध कारोबार में शामिल एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक से पूछताछ अभी भी जारी है।

ये गिरोह मोटी रकम के लालच में लोगों की कॉल डिटेल्स के साथ लोकेशन भी बेच देता था। आरोपी 100 से अधिक मोबाइल फोन सब्सक्राइबर्स के कॉल डिटेल रिकॉर्ड का सौदा कर चुका था।

क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाकर किया भंडाफोड़

क्राइम ब्रांच की टीम को इनपुट मिले थे जिसके बाद  एक फर्जी ग्राहक को एक मोबाइल फोन नंबर की सीडीआर उपलब्ध कराने के लिए एक व्यक्ति से संपर्क करने के लिए भेजा गया था। फर्जी ग्राहक ने उक्त व्यक्ति से संपर्क किया जो सीडीआर प्रदान करने के लिए सहमत हो गया और उसे इसके बदले में 60,000/- रुपये का भुगतान करने के लिए कहा।  फर्जी ग्राहक द्वारा उसे ऑनलाइन लेनदेन के माध्यम से 29,000/- रुपये की पेमेंट की गई थी और शेष राशि 31,000/- रुपये सीडीआर लेने के बाद भुगतान करने के लिए तय की गई थी। उस व्यक्ति ने फर्जी ग्राहक के व्हाट्सएप अकाउंट/नंबर पर सीडीआर प्रदान की और शेष राशि का भुगतान करने के लिए उसे मेट्रो स्टेशन द्वारका मोड़, दिल्ली बुलाया। जिसके बाद उसे पकड़ने और मोबाइल फोन ग्राहकों की सीडीआर/स्थान प्राप्त करने और बेचने के अवैध कारोबार में शामिल पूरे सिंडिकेट का भंडाफोड़ करने के लिए एक ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।  

सूचना के आधार पर, छापेमारी दल ने मेट्रो स्टेशन द्वारका मोड़, दिल्ली के पास जाल बिछाया और उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिसने फर्जी ग्राहक को सीडीआर उपलब्ध कराई थी और फर्जी ग्राहक से शेष राशि 31,000 रुपये लेने आया था। पूछताछ करने पर उसकी पहचान मोहन गार्डन, उत्तम नगर, दिल्ली निवासी तरुण विंसेंट डेनियल के रूप में हुई।

पुलिस मे केस दर्ज कर जांच शुरु की

पीएस क्राइम ब्रांच में धारा 316(5) और 61(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। उससे पूछताछ के बाद और आगे की जांच के दौरान, उसके एक सहयोगी शाहदरा निवासी हर्ष कुमार को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया। पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने 100 से अधिक मोबाइल फोन उपभोक्ताओं की सीडीआर/स्थान प्राप्त करने की बात स्वीकार की।

डिटेक्टिव एजेंसी के लिए काम कर रहा था आरोपी

पुलिस के मुताबिक आरोपी हर्ष कुमार ने बताया है कि वो एक डिटेक्टिव एजेंसी के लिए काम कर रहा था। जिसकी जांच की जा रही है। पुलिस की पुछताछ में आरोपियों ने अपने गिरोह के एक अन्य सदस्य का नाम संजय कुमार बताया है। पुलिस की जांच में संजय ने बताया है कि वो एक टेलीफोन सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनी में काम करता है जिसकी जांच की जा रही है। इस मामले में कुछ ओर नाम भी सामने आए हैं। अभी तक पता चला है कि किसी प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी का इसमें हाथ हो सकता है। ये लोग 25 से 50 हजार में एक CDR का डाटा बेचते थे। अभी पता लगाने की कोशिश की जा रही कि ये लोग किस माध्यम के जरिए CDR और लोकेशन निकलते थे।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 19 September 2024 at 18:43 IST