अपडेटेड 3 June 2024 at 16:05 IST
बेबी केयर सेंटर अग्निकांड: डॉ. आकाश की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित, सुनवाई में क्या-क्या हुआ?
Delhi Hospital Fire: डॉ. आकाश की जमानत याचिका पर कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने आकाश की जमानत याचिका का विरोध किया है।
Delhi Hospital Fire: दिल्ली के विवेक विहार में बेबी केयर सेंटर अग्निकांड में दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने डॉ. आकाश की जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने आकाश की जमानत याचिका का विरोध किया है। इस मामले में कोर्ट आज शाम अपना आदेश सुनाएगा। दिल्ली पुलिस ने कहा कि नर्सों के बयान में आकाश की सुपरवाइजरी की बात सामने आई है, वो प्रिस्क्रिप्शन भी लिखते थे।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि जांच अभी शुरुआती स्तर पर है। अस्पताल में आग लगने के आधे घंटे तक पुलिस को जानकारी नहीं दी गई। पुलिस ने आरोप लगाया कि डॉक्टर आग की जानकारी पुलिस और फायर ब्रिगेड को देने के बजाए अस्पताल के मालिक से बात कर रहे थे। जब आग बढ़ गई, तो मौके से भाग गए पब्लिक की तरफ से आग की जानकारी फायर विभाग को मिली थी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि एक बच्चे की पहले से मौत हो चुकी थी। उसको भी जिन बच्चों का इलाज चल रहा था उनके साथ भर्ती कर रखा था। हाई कोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है।
डॉ. आकाश के वकील ने क्या कहा?
डॉ. आकाश के वकील ने अपनी सफाई में कहा कि आग दूसरे फ्लोर से शुरू हुई थी। उसके बाद ग्राउंड फ्लोर पर आग पहुंची, पुलिस के पहुंचने से पहले अस्पताल के स्टाफ ने वहां पर राहत बचाव का काम किया और कई मरीजों को बचाया। आकाश के वकील ने कहा कि पुलिस एक कर्मचारी के रूप में दिखा रही है और सुपरवाइजर की भूमिका में था। आकाश ने जनवरी, 2024 में ट्रेनी के रूप में अस्पताल को जॉइन किया था। तब से ट्रेनी के रूप में सिर्फ नर्सिंग स्टाफ को असिस्ट करते रहे हैं। आकाश से बेहतर रोल नर्सिंग स्टाफ का था, जो डॉ प्रिस्क्राइब करके जाते थे उसको नर्सिंग स्टाफ के साफ लागू करते थे।
'शॉर्ट सर्किट से लगी आग'
दिल्ली पुलिस को घेरते हुए आकाश के वकील ने कहा कि जनवरी में जॉइन किया था। क्या इतने कम समय में सुपरवाईजरी की पोस्ट मिल सकती है? आकाश से सिनियर स्टाफ और डॉ. वहां मौजूद है। आकाश सिर्फ ट्रेनी के रूप में नर्सिंग स्टाफ के साथ काम कर रहा था। यह सिर्फ एक दुर्घटना थी, जो दूसरे फ्लोर पर शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी और ग्राउंड फ्लोर तक आई। इसमें बच्चों की मौत दम घुटने की वजह से हुई, जलने से किसी की मौत नहीं हुई जो घटना हुई वह बहुत दुखदाई है।
आकाश के वकील ने कहा कि 12 बच्चों में से 7 बच्चों को किसने बचाया? पुलिस को यह बात अदालत को बतानी चहिए। आकाश ने ही उन बच्चों को बचाया था। आकाश ने कभी कोई प्रिस्क्रिप्शन नहीं लिखा था।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 3 June 2024 at 15:50 IST