अपडेटेड 16 October 2024 at 11:50 IST

Delhi Pollution: जहरीली हुई दिल्ली की हवा, प्रदूषण का बढ़ा ग्राफ; आनंद विहार में AQI पहुंचा 400 पार

Delhi AQI: दिल्ली का औसत AQI फिर 200 के ऊपर चला गया है। मंगलवार को हवा में थोड़ा सा सुधार हुआ था और AQI 198 के साथ 'मध्यम' श्रेणी में पहुंचा था।

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दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा | Image: PTI

Delhi Air Pollution: दिल्ली में ठंड की दस्तक और दिवाली से पहले ही हवा में जहर घुलना शुरू हो गया है। NCR और आसपास के इलाकों में धुंध की चादर नजर आने लगी है। वहीं, AQI भी खतरे के निशान के ऊपर जा रहा है।

दिवाली से पहले ही दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंचने लगा है। पिछले दिनों से राजधानी की हवा लगातार खराब हो रही है। इस बीच मंगलवार (15 अक्टूबर) को मामूली राहत जरूर मिली, लेकिन अब आज (16 अक्टूबर) को फिर से हवा का स्तर बिगड़ने लगा।

दिल्ली की हवा में फिर घुलने लगा जहर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के लेटेस्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली का औसत AQI फिर 200 के ऊपर चला गया है। मंगलवार को हवा में थोड़ा सा सुधार हुआ था और AQI 198 के साथ 'मध्यम' श्रेणी में पहुंचा था।

कहां कितना पहुंचा AQI?

बात आज, बुधवार 16 अक्टूबर की करें तो राजधानी का AQI 212 मापा गया है। इस दौरान दिल्ली के आनंद विहार की हवा सबसे दूषित दर्ज की गई है। विहार में AQI 433 मापा गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है।

इसके अलावा अन्य इलाकों की बात करें तो मुंडका में AQI 318, वजीरपुर में 269, बवाना में 254, द्वारका सेक्टर 8 में 258, जहांगीरपुरी में 252, बुराड़ी में 244, अलीपुर में 235, शादीपुर में 233, पटपड़गंज और पंजाबी बाग में 231 दर्ज किया गया।

गौरतलब है कि दिल्ली में सर्दी के मौसम के दौरान हवा में जहर घुलना अब हर साल की कहानी हो गई है। हर वर्ष ही दिल्लीवाले दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर हो जाते हैं, जिस वजह से उन्हें कई परेशानियां होती हैं।

पटाखों पर लगा बैन, GRAP-1 की पाबंदियां लागू

हर साल बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने दिवाली से पहले राजधानी में पटाखों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है। इसके अलावा मंगलवार (15 अक्टूबर) से दिल्ली में ग्रैप 1 की पाबंदियां भी लागू कर दी गई। ग्रैप-1 तब लागू किया जाता है, जब AQI 200 के पार पहुंच जाता है।

इसके लागू होने के बाद होटल-रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण तरह से बैन लग जाता है। इसके अलावा पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों के संचालन पर सख्त नजर रखी जाती है। सड़कों पर समय-समय पर मशीनीकृत सफाई और पानी का छिड़काव भी होता है।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 16 October 2024 at 11:50 IST