अपडेटेड 21 August 2025 at 23:12 IST

दिल्ली के विवेक विहार में नकली CBI बनकर करोड़ों की लूट, पुलिस ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

Fake CBI raid in Vivek Vihar Delhi: पीड़ित ने बताया कि 19 अगस्त को, उन्होंने किसी जरूरी काम के चलते अपने दोस्त रवि शंकर को वहां से 1.10 करोड़ रुपये लाने को कहा। रवि जैसे ही पैसे लेकर बाहर निकला और बाइक पर बैठा, तभी दो अर्टिगा गाड़ियों से चार लोग (एक महिला समेत) आए और खुद को CBI अफसर बताकर रवि को रोक दिए।

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प्रतीकात्मक तस्वीर | Image: Grok/X

Fake CBI raid in Vivek Vihar Delhi: देश की राजधानी दिल्ली में एक फिल्मी स्टाइल में लूट की घटना को अंजाम देने वाली खबर सामने आई है। जी हां, दिल्ली में फेक सीबीआई अधिकारी बनकर कुछ बदमाशों ने विवेक विहार में छापेमारी की और करोड़ों रुपये लेकर फरार हो गए। हालांकि, इस मामले में पुलिस ने सफलता हासिल करते हुए दो आरोपियों को दबोच लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार,  दिल्ली के विवेक विहार इलाके में एक बड़ी लूट का मामला सामने आया है, जिसमें करीब 2.3 करोड़ रुपये लूट लिए गए। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर 1.08 करोड़ रुपये की नकदी बरामद की है।


19 अगस्त को हुई घटना 

मिली जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के इंदिरापुरम निवासी मनप्रीत, जो कि फाइनेंस, प्रॉपर्टी डीलिंग और कंस्ट्रक्शन के बिजनेस करते हैं, उन्होंने बताया कि वे अपना ऑफिस विवेक विहार में किराये पर ले रखे हैं। बीते 6-7 महीनों में उनके पास लगभग 2.5 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए थे, जो उन्होंने उसी ऑफिस में रखे हुए थे। पीड़ित ने बताया कि 19 अगस्त को, उन्होंने किसी जरूरी काम के चलते अपने दोस्त रवि शंकर को वहां से 1.10 करोड़ रुपये लाने को कहा। रवि जैसे ही पैसे लेकर बाहर निकला और बाइक पर बैठा, तभी दो अर्टिगा गाड़ियों से चार लोग (एक महिला समेत) आए और खुद को CBI अफसर बताकर रवि को रोक दिए।

इसके बाद उनमें से 2 लोगों ने रवि के साथ मारपीट की और उसे धमकाकर घर के अंदर ले गए। वहीं, मौजूद दीपक महेश्वरी नामक कर्मचारी के साथ भी मारपीट की गई और बाकी पैसे भी लूट लिए गए। लूटपाट के बाद बदमाशों ने रवि और दीपक को अपनी गाड़ी में बैठाकर अगवा कर लिया और बाद में उन्हें अलग-अलग जगहों — चिंतामणि अंडरपास और निगमबोध घाट के पास छोड़कर फरार हो गए। जाते-जाते दोनों को धमकाया गया कि किसी को कुछ बताया तो अंजाम बुरा होगा।


पुलिस ने CCTV और कार नंबर से बदमाशों को किया ट्रैक

वहीं, इस मामले में पुलिस ने CCTV और कार नंबर से बदमाशों को ट्रैक किया। पुलिस ने मौके पर आसपास लगे CCTV कैमरों की मदद से अर्टिगा कार के रजिस्ट्रेशन नंबर निकाला। जांच में पता चला कि ये गाड़ी फरीदाबाद से किराये पर ली गई थीं और इन्हें साकेत मेट्रो स्टेशन के पास एक NGO द्वारा बुक किया गया था। इसके बाद पुलिस ने NGO के दफ्तर पर छापा मारा और पापोरी बरुआ (31 वर्ष, असम निवासी) और दीपक (32 वर्ष, तुगलकाबाद निवासी) को गिरफ्तार किया। उनके पास से 1.08 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए हैं। पुलिस ने बताया कि अभी अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाशी की जा रही है और बाकी रकम की बरामदगी के लिए छापेमारी जारी है।

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Published By : Amit Dubey

पब्लिश्ड 21 August 2025 at 23:11 IST