अपडेटेड 15 September 2025 at 11:23 IST
BMW हादसा: 'खून से लथपथ पड़े थे, 20KM दूर वाले अस्पताल में ले गए...', डिप्टी सेक्रेटरी के बेटे ने कहा- बच सकते थे मेरे पापा
दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए BMW हादसे में मारे गए डिप्टी सेक्रेटरी के बेटे ने अस्पताल की लापरवाही पर बड़े सवाल उठाए हैं। जानें क्या है पूरे हादसे की कहानी।
Delhi BMW Accident: दिल्ली के धौला कुआं इलाके में हुए BMW हादसे ने राजधानी को झकझोर दिया, वित्त विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की मौत और उनकी पत्नी के घायल होने के बाद परिवार ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
हादसे की पूरी कहानी
मृतक के बेटे नवनूर सिंह ने बताया कि उनके पिता और मां सड़क दुर्घटना का शिकार हुए और दोनों को GTB नगर स्थित न्यू लाइफ अस्पताल में भर्ती कराया गया। हादसा करीब दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर हुआ, एक युवती BMW कार चला रही थी और उसने नवनूर के माता-पिता की बाइक को टक्कर मार दी।
अस्पताल को लेकर बड़ा आरोप
नवनूर ने कहा कि उनके पिता को एक ऐसे अस्पताल ले जाया गया जो हादसे की जगह से 20 किलोमीटर दूर था और जहां न तो पर्याप्त सुविधाएं थीं और न ही इमरजेंसी देखभाल की व्यवस्था। उनका कहना है कि धौला कुआं के आसपास कई सुपरस्पेशलिटी अस्पताल और एम्स मौजूद हैं... अगर समय पर वहां पहुंचाया जाता तो शायद उनके पिता की जान बचाई जा सकती थी।
घायल को डिलीवरी वैन में ले जाया गया
परिवार ने यह भी आरोप लगाया है कि घायलों को किसी ऐंबुलेंस की जगह एक डिलीवरी वैन में अस्पताल पहुंचाया गया। जब उनकी मां को होश आया तो उन्होंने खुद को वैन की सीट पर बैठा पाया और पीछे उनके पति बेसुध हालत में पड़े थे।
BMW चालक से जुड़ा विवाद
परिवार ने यह भी दावा किया है कि GTB नगर का न्यू लाइफ अस्पताल उसी युवती का है जो BMW चला रही थी। नवनूर ने बताया कि कार में मौजूद अन्य लोग मामूली चोटों के बावजूद उसी अस्पताल में भर्ती किए गए और इससे मामले पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। हादसे में शामिल BMW को कब्जे में ले लिया गया है और चालक युवती से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि टक्कर की असली वजह क्या थी- लापरवाही, तेज रफ्तार या कोई और कारण।
दिल्ली के मेडिकल रेस्पॉन्स पर उठे गंभीर सवाल
यह घटना न सिर्फ दिल्ली की सड़कों पर लापरवाह ड्राइविंग पर सवाल उठाती है, बल्कि हादसे के बाद मेडिकल रेस्पॉन्स और अस्पताल चयन को लेकर भी गहरी बहस छेड़ रही है। परिवार का आरोप है कि अगर सही अस्पताल में समय पर इलाज मिलता तो उनके पिता आज जिंदा होते।
राजधानी में इस तह बिना बेसिक सुविधाओं वाले सैंकड़ों फोर्ड अस्पताल चल रहे हैं, जिनमें बेसिक सुविधाएं तक नहीं हैं। ये अस्पताल मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। रोहिणी-18 में भी कई ऐसे अस्पताल हैं जो समय पर इलाज न देकर जान लेते हैं। इन अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 15 September 2025 at 11:21 IST