अपडेटेड 5 December 2024 at 17:12 IST

'आप चाहते हैं मजदूर भूखे मरें', दिल्ली सरकार पर भड़का SC; चीफ सेक्रेटरी से कहा-अवमानना नोटिस भेजेंगे

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से कहा कि आप चाहते हैं कि मजदूर भूखे मरें। ये अदालत की अवमानना है और हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे।

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Supreme Court of India | Image: PTI

Delhi Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर लागू रहे ग्रेप-4 के दौरान प्रभावित मजदूरों के मसले पर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि श्रमिकों को अभी तक भुगतान नहीं किया गया है, उनको बकाए का तुरंत भुगतान किया जाना चाहिए। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण के मसले पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई कर रहा था।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने 90 हजार मजदूरों को मुआवजा प्रति मजदूर 2 हजार रुपये दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि सिर्फ 2000 रुपये दिए गए। बाकी पैसे क्यों नहीं मजदूरों को दिए गए? सख्त टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप चाहते हैं कि मजदूर भूखे मरें। ये अदालत की अवमानना है और हम अवमानना नोटिस जारी करेंगे। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि 10 दिनों का टाइम चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि क्यों? इन मजदूरों को वेरिफाई कैसे कर रहे हैं?

मुआवजा मजदूरों तक कैसे पहुंचेगा, हमें बताइए- SC

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि क्या पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कोई सूचना दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि रजिस्ट्रेशन को लेकर आप क्या करेंगे? इसका क्या उपाय है? आपका मुआवजा मजदूरों तक कैसे पहुंचेगा, हमें बताइए?

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SC ने पूछा- कितने मजदूर यूनियन से रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क

दिल्ली के मुख्य सचिव ने कहा कि हम इसके लिए अब सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे। दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि मजदूरों की 35 यूनियन हैं। उनके जरिए भी मजदूरों को वेरिफाई किया जा रहा है। पोर्टल पर दी गई जानकारी से भी मिलान किया जा रहा है। कोर्ट ने दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि आपने कितने मजदूर यूनियन से मजदूरों के रजिस्ट्रेशन के लिए संपर्क किया। उनके मजदूरों का नाम लिस्ट में शामिल हैं या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि श्रमिक यूनियनों की बैठक तुरंत बुलाकर उनका रजिस्ट्रेशन कराना चाहिए।

इस दौरान यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि हमारे पास 8 प्रभावित जिले हैं। कुल 4.88 लाख वर्कर्स हैं। 97 करोड़ रुपये (बैंकों को) जारी किए गए हैं। हरियाणा में कुल 14 जिले भीषण प्रदूषण से प्रभावित हैं।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 5 December 2024 at 17:12 IST