अपडेटेड 30 August 2024 at 20:40 IST

Delhi Pollution: दिल्ली में रहने वालों की 12 साल तक कम हो रही उम्र, रिसर्च ने बढ़ा दी सबकी टेंशन

वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024 के अनुसार दिल्ली उत्तर भारत में सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है। दिल्ली का वायु प्रदूषण लोगों का जीवन कम कर रहा है।

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दिल्ली में रहने वालों की 12 साल तक कम हो रही उम्र! | Image: Shutterstock

Delhi Air Pollution: दिल्ली में हर साल प्रदूषण का बढ़ना कोई नई बात नहीं हैं। सर्दियों की शुरुआत होते ही दिल्ली-NCR में सांस लेना बेहद मुश्किल हो जाता है। दिल्ली की हवा इतनी जहरीली हो गई है कि यहां सांस लेने वाले लोगों की उम्र घटनी शुरू हो गई है। यह चौंकाने वाला खुलासा 'वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024' की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली का वायु प्रदूषण लोगों का जीवन कम कर रहा है।

वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक 2024 के अनुसार दिल्ली उत्तर भारत में सबसे प्रदूषित क्षेत्रों में से एक है। शिकागो विश्वविद्यालय (ईपीआईसी) के ऊर्जा नीति संस्थान की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में रहने वाले 1.8 करोड़ लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा निर्धारित मानदंड की तुलना में औसतन 11.9 साल कम जीने की राह पर हैं। यहां तक ​​कि भारत के अपने राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, यदि प्रदूषण का मौजूदा स्तर बना रहता है, तो लोगों की उम्र 8.5 साल कम हो सकती है।

ऐसा किया तो बढ़ जाएगी उम्र

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की राजधानी और देश में सबसे अधिक आबादी वाला शहर दिल्ली, विश्व में सबसे प्रदूषित शहर भी है। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर भारत अपने PM 2.5 (हवा में मौजूद 2.5 माइक्रोमीटर से कम व्यास के कण) से जुड़े राष्ट्रीय मानदंड को पूरा करता है, तो दिल्ली के निवासियों की जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy) 8.5 साल बढ़ सकती है। साथ ही, अगर यह WHO के मानकों को पूरा करता है तो दिल्ली के निवासियों की उम्र करीब 12 वर्ष बढ़ सकती है।

40 प्रतिशत से अधिक आबादी पर खतरा

PM 2.5 हवा में मौजूद सूक्ष्म कण होते हैं, जो हमारे फेफड़ों में गहराई तक जा सकते हैं और सांस संबंधी समस्याओं का कारण बनते हैं। इससे सांस लेने में तकलीफ, खांसी, दमा और फेफड़ों से गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहा है। PM 2.5 स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है और वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारक है। रिपोर्ट रेखांकित करती है कि भारत में सालाना PM 2.5 मानक 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर निर्धारित है, फिर भी 40 प्रतिशत से अधिक आबादी उस हवा में सांस ले रही है जो इस सीमा से अधिक है।

वायु प्रदूषण से कैसे करें बचाव

दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण से हर कोई परेशान है। इससे बचने के लिए सबसे जरूरी है कि अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव किया जाए। जितना अधिक हो सकते हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। डीजल, पेट्रोल और ऐसी गाड़ियों का इस्तेमाल ना करें जिससे धुआं निकलता है। इसका एक विकल्प इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग हो सकता है। घर से बाहर जाने पर मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए हमें पेड़ों की कटाई की जगह अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 30 August 2024 at 20:40 IST