अपडेटेड 25 December 2024 at 18:53 IST
Delhi: अरविंद केजरीवाल के लिए जी का जंजाल बनी 'महिला सम्मान योजना', 2100 रुपये देने वाले प्लान को थाने तक घसीटा
दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल नए विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं।
Delhi Election: दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल नए विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। दिल्ली में महिला सम्मान और संजीवनी योजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है।
महिला सम्मान योजना को लेकर शिकायतकर्ता आंनद त्रिवेदी ने कहा कि ये फ्रॉड की कैटेगरी में आता है, एकबार फिर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को छलने का काम किया है। महिला सम्मान योजना के नाम पर लाखों महिलाओं को बेवकूफ बना रहे हैं। फर्जी दस्तावेज बनाने शुरू कर दिये गए हैं, महिलाएं मिली तो वो बता रही है कि उनको 2100 रुपये मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के विभाग ने प्रचार दिया है कि जो मीडिया में चर्चा चल रही है वो फ्रॉड है, साइबर क्राइम है। संविधान में प्रावधान कोई व्यक्ति अपने फायदे के लिए फर्जी दस्तावेज बनाएगा तो वो अपराध है। मैंने खजूरी थाने में लिखित शिकायत दी है, मुझे कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है। जो भी धारा में मुकदमा बनता होगा मामला दर्ज किया जाएगा।
क्या है पूरा मामला समझिए?
दिल्ली में महिला सम्मान और संजीवनी जैसी कोई योजना नहीं है। दिल्ली सरकार ने इसको लेकर नोटिस जारी किए हैं। केजरीवाल ने चुनावों से पहले इन योजनाओं की घोषणा की थी। दिल्ली के महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा कि 'मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना' जैसी कोई योजना अस्तित्व में नहीं है, इसलिए इस गैर-मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए फॉर्म और आवेदन स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता। कोई भी निजी व्यक्ति और राजनीतिक दल, जो इस योजना के नाम पर फॉर्म और आवेदन एकत्र कर रहा है या आवेदकों से जानकारी एकत्र कर रहा है, वो धोखाधड़ी कर रहा है और उसके पास कोई अधिकार नहीं है।
इसी तरह दिल्ली के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने संजीवनी योजना को लेकर स्पष्टीकरण दिया है। पब्लिक नोटिस में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने लिखा- ‘ये सूचित किया जाता है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के पास आज तक कोई भी संजीवन योजना अस्तित्व में नहीं है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने न तो किसी स्वास्थ्य अधिकारी या किसी अन्य व्यक्ति को बुजुर्ग नागरिकों से ऐसी व्यक्तिगत जानकारी और डेटा एकत्र करने के लिए अधिकृत किया है, न ही विभाग इस संबंध में कोई कार्ड प्रदान कर रहा है।’
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 25 December 2024 at 18:53 IST