अपडेटेड 19 June 2024 at 15:54 IST

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने दिया फिर झटका, 3 जुलाई तक बढ़ी न्यायिक हिरासत

दिल्ली आबकारी नीति पीएमएलए मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है।

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अरविंद केजरीवाल | Image: x

Kejriwal Judicial Custody Breaking: दिल्ली आबकारी नीति पीएमएलए मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। उनकी जुडिशियल कस्टडी यानि न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी गई है।  राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और विनोद चौहान की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी। न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद दोनों को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। 

ईडी के वकील ने कहा कि विनोद चौहान ने गोवा चुनाव के लिए अभिषेक बोइनपल्ली के जरिए बीआरएस नेता के कविता के पीए से 25 करोड़ रुपये प्राप्त किए। उन्होंने यह भी कहा कि इस महीने के अंत तक विनोद चौहान के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की जाएगी। उन्हें मई में गिरफ्तार किया गया था।

19 जून को खत्म हुई थी न्यायिक हिरासत

दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले (Delhi Excise Policy Scam) में दोनों की जुडिशियल कस्टडी 19 जून को खत्म हुई। इसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। कथित शराब घोटाले में सीएम केजरीवाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट के इस आदेश के बाद केजरीवाल को तिहाड़ जेल में ही रहना होगा।

केजरीवाल से खतरा नहीं - वकील की दलील

अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया। राउज एवेन्यू कोर्ट के वेकेशन जज मुकेश कुमार ने केजरीवाल की हिरासत बढ़ाने का फैसला सुनाया। इस आदेश से पहले केजरीवाल के वकील विक्रम चौदरी ने कहा कि यह पूरा केस सिर्फ गवाहों के बयान पर बेस्ड है। केजरीवाल की ओर से उनके वकील ने दलील दी कि PMLA की तरह कई शिकयतें दर्ज हैं... इस केस में कई चार्जशीट दाखिल किए गए हैं लेकिन किसी भी केस में मुझे आरोपी नहीं बनाया गया है। वकील ने ये कोर्ट को विश्वास दिलाने की कोशिश की कि अरविंद केजरीवाल से समाज को कोई खतरा नहीं है वो दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं।

ईडी का तर्क

ईडी ने तर्क दिया कि दिल्ली सरकार की विवादास्पद शराब नीति में अनियमिताओं की जांच अभी जारी है और इसके लिए उन्हें न्यायिक हिरासत में ही रखने की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार ने विवाद के बाद आबकारी नीति को 2022 में वापस ले लिया था। वहीं केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने हिरासत की अवधि बढ़ाने की ईडी की दलील के खिलाफ राय रखी। कहा कि इस तर्क में कोई दम नहीं है। दावा किया कि श्री केजरीवाल की गिरफ्तारी को पहले ही अदालत में चुनौती दी जा चुकी है और यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। 

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Published By : Kiran Rai

पब्लिश्ड 19 June 2024 at 14:42 IST