अपडेटेड 10 November 2025 at 21:29 IST
Delhi Blast: लाल किले धमाके से लेकर 2005 सीरियल ब्लास्ट तक... वो 5 मौके जब विस्फोट से दहल उठी राजधानी दिल्ली, पूरी कहानी
दिल्ली आज फिर दहल उठी, 2005 से 1997 तक के इन 5 बड़े बम धमाकों ने न सिर्फ राजधानी को हिला दिया, बल्कि पूरे देश को रुला दिया। सैंकड़ों जिंदगियां बिखर गईं, परिवार उजड़ गए और भी वो चीखें आज भी इतिहास में गूंजती हैं। आइए, उन भयावह लम्हों को दोबारा जियें...
Delhi Bomb Blasts History: दिल्ली में लाल किले के पास हुए धमाके ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस हाई-इंटेंसिटी धमाके में 9 लोगों की मौत की खबर है और कई लोग गंभीर घायल बताए जा रहे हैं। जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है। इस बड़े धमाके से आस पास खड़ी कईं कारों में भीषण आग लग गई, 10 अन्य छोटे वाहन भी जलकर खाक हो गए।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तुरंत घटनास्थल को घेराबंदी की जिसके बाद, फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंची, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्पेशल टीमें भी घटनास्थल पर पहुंची। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि प्रारंभिक जांच में विस्फोट के कारण का पता लगाने के लिए फॉरेन्सिक टीम को तैनात किया है। दिल्ली में इससे पहले भी कई बड़े धमाके हुए हैं।
दिल्ली में कब कब हुए बड़े बम धमाके…
2008: जब दिल्ली में 4 बम धमाकों ने पूरे देश को हिला दिया
13 सितंबर 2008 की शाम दिल्ली में 4 बम धमाकों ने पूरे देश को हिला दिया। ऑफिस से लौटते लोगों और खरीदारी में व्यस्त बाजारों में छींटे पड़े। महज 30 मिनट में हुए इन विस्फोटों में 19 लोगों की जान गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इंडियन मुजाहिदीन ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी और धमकी भरा ई‑मेल भेजा था। गफ्फार मार्केट, कनॉट प्लेस, ग्रेटर कैलाश‑1 में हुए धमाकों के बाद पुलिस ने कई बम डिफ्यूज किए और दर्जनों आरोपियों को पकड़ा। उस रात की धुंधली रोशनी में, बचाव दल ने काम शुरू किया, कई पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाया गया। यह खौफनाक शाम आज भी दिल्ली वालों की यादों में जिंदा है।
2005: पहाड़गंज- सरोजनी नगर में सीरियल ब्लास्ट्स ने 60 जिंदगियां लील ली
दिवाली से ठीक दो दिन पहले पाहड़गंज, सरोजिनी नगर बाजार और गोविंदपुरी बस में तीन बम विस्फोट। भीड़भाड़ वाले बाजारों को निशाना बनाया गया। दिल्ली में 29 अक्टूबर 2005 को दिवाली से ठीक 2 दिन पहले यानी धनतेरस के दिन हुए सीरियल बम ब्लास्ट ने भी देश को हिला कर रख दिया था, इस ब्लास्ट में किसी ने अपने भाई को खोया तो किसी का पूरा घर ही बर्बाद हो गया। सरोजनी नगर के अलावा पहाड़गंज और गोविंदपुरी में भी बम ब्लास्ट हुए थे। इन सीरियल बम धमाकों में 60 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
इस सीरियल ब्लास्ट में तीन अलग-अलग जगहों पर धमाके हुए थे जिनमें से सबसे पहला धमाका शाम के करीब 5:30 बजे भारी भीड़ वाले इलाके पहाड़गंज में हुआ था। ठीक आधे घंटे बाद लगभग 6 बजे एक और व्यस्त बाजार सरोजनी नगर में दूसरा बम धमाका हुआ। ये धमाके बस, कार और बाइक में हुए थे।
2001: जब संसद पर हुआ था आतंकी हमला ( Parliament Attack ), लोकतंत्र की धरती पर गोलियों… बम की बौछार
13 दिसंबर 2001 को भारतीय संसद पर आतंकी हमला हुआ था, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने 2001 में संसद परिसर पर हमला किया था, जिसमें 9 लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों ने सभी पांच आतंकवादियों को मार गिराया था। यह हमला पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने किया था, लेकिन संसद सुरक्षा सेवा, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवानों ने हमले को विफल कर दिया और कोई भी आतंकवादी इमारत में प्रवेश नहीं कर सका। उस हमले में दिल्ली पुलिस के छह जवान, संसद सुरक्षा सेवा के दो जवान, एक माली और एक टीवी वीडियो पत्रकार की मौत हुई थी।
2000: लाल किले की ऐतिहासिक दीवारें हुई थी खून से लाल
22 दिसंबर 2000 को राजधानी दिल्ली में लाल किले पर एक आतंकवादी हमला हुआ था। इसे पाकिस्तानी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। इसमें 2 सैनिक और एक नागरिक मारे गए थे। लश्कर के 6 आतंकवादी लाहौरी गेट की तरफ से शाम करीब 7 बजे ऐतिहासिक लाल किले में घुसने में कामयाब रहे थे जहां उन्होंने एसाल्ट राइफलों से अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं।
पाकिस्तान के एबटाबाद से संबंध रखने वाले अशफाक को उस हमले का दोषी करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी जबकि उससे जुड़े एक आतंकवादी अबु समल को दिल्ली पुलिस ने बटला हाउस मुठभेड़ में मार गिराया था।
1997: सदर बाजार में हुए थे 2 विस्फोट
1 अक्टूबर 1997 को दिल्ली के सदर बाजार इलाके में एक जुलूस के पास दो बम विस्फोट हुए थे, जिसमें लगभग 30 लोग घायल हो गए थे।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 10 November 2025 at 21:29 IST