अपडेटेड 27 September 2024 at 17:07 IST

मानहानि मामला: आतिशी, केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा कोर्ट

मानहानि के एक मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली की CM आतिशी और AAP नेता अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा।

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Atishi and Arvind Kejriwal | Image: PTI

उच्चतम न्यायालय मानहानि के एक मामले में उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। दोनों नेताओं ने उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मतदाता सूची से कुछ समुदायों के 30 लाख मतदाताओं के नाम कथित तौर पर हटाए जाने के बारे में उनकी टिप्पणियों को लेकर मानहानि का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।

न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की पीठ ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राजीव बब्बर की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर की दलीलों पर गौर किया कि रिपोर्ट में उनके ‘कैविएट’ का उल्लेख नहीं किया गया है और वे जवाब दाखिल नहीं कर सकीं, क्योंकि याचिका बृहस्पतिवार देर शाम को सौंपी गई। पीठ ने मामले में सुनवाई के लिए सोमवार का दिन तय किया।

आतिशी और केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि वह इस मामले पर 30 सितंबर को बहस कर सकते हैं। आतिशी और केजरीवाल दोनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के दो सितंबर के आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उच्च न्यायालय ने मतदाताओं के नाम कथित रूप से हटाए जाने के बारे में उनकी टिप्पणियों पर, उनके और अन्य आप नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को रद्द करने से इनकार कर दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि आरोप प्रथम दृष्टया भाजपा की छवि को प्रभावित करने वाले हैं।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि ये आरोप प्रथम दृष्टया ‘‘अपमानजनक’’ थे जिनके पीछे की मंशा भाजपा को बदनाम करना और अनुचित राजनीतिक लाभ प्राप्त करना थी। अदालत ने निचली अदालत के समक्ष लंबित मानहानि की कार्यवाही को चुनौती देने वाली आतिशी, केजरीवाल एवं आप के अन्य दो नेताओं - पूर्व राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार गुप्ता और पार्टी नेता मनोज कुमार की याचिका को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने पक्षकारों को तीन अक्टूबर को निचली अदालत के समक्ष पेश होने को कहा था।

अदालत ने कहा था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत अपराध करने के लिए निचली अदालत द्वारा पारित समन के आदेश में किसी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। आप नेताओं ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी जिसने बब्बर द्वारा दायर शिकायत पर उन्हें आरोपी के रूप में समन करने के मजिस्ट्रेट अदालत के फैसले को बरकरार रखा था। आप नेताओं ने मजिस्ट्रेट अदालत के 15 मार्च, 2019 और निचली अदालत के 28 जनवरी, 2020 के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया है।

भाजपा की दिल्ली इकाई की ओर से मानहानि की शिकायत दायर करने वाले बब्बर ने आप नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि आप नेताओं ने पार्टी पर मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाकर उसकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने दावा किया कि आप नेताओं ने दिसंबर 2018 में संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि भाजपा के निर्देश पर निर्वाचन आयोग (ईसी) ने ‘बनिया’ समुदाय, पूर्वांचलियों और मुस्लिम समुदाय के 30 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए थे।

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 27 September 2024 at 17:07 IST