अपडेटेड 17 December 2025 at 21:21 IST

फोटो खिंचवाने से नफरत, पत्नी और बेटियों का आधार कार्ड तक नहीं, धार्मिक कट्टरता में पागल था फारुख; शामली ट्रिपल मर्डर में बड़ा खुलासा

धार्मिक कट्टरता का शिकार हुए फारुख ने बुर्के की खातिर अपनी बेगम और दो मासूम बच्चियों का कत्ल कर दिया। उसने पहले अपनी बेगम ताहिरा को गोली मारी फिर बड़ी बेटी आफरीन को मौत के घाट उतारा और दूसरी बेटी सहरीन का गला घोंटकर मिट्टी के नीचे दबा दिया।

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बुर्के की खातिर अपनी बेगम और दो मासूम बच्चियों का कत्ल | Image: Republic

Shamli Triple Murder Case : धार्मिक कट्टरता व्यक्ति को इतना जाहिल बना देती है कि पाप-पुण्य में फर्क नजर नहीं आता। धर्म के प्रति इतना जुनून बढ़ जाता है कि रिश्ते, परिवार और अपने-पराए की समझ नहीं रहती। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कांधला थाना क्षेत्र के गढ़ी दौलत गांव से सामने आया है। इस धार्मिक कट्टरता की इस वारदात को जिसने में भी सुना वो सिहर उठा।

यहां मोहम्मद फारुख ने अपनी पत्नी ताहिरा और दो नाबालिग बेटियों आफरीन और सहरीन की हत्या कर शवों को घर के आंगन में ही दफना दिया। आफरीन की उम्र 12-14 साल और सहरीन महज 5-7 साल की बच्ची थी। फारुख ने पहले से हत्या का प्लान बनाया हुआ था। उसने शव दफनाने के लिए पहले ही करीब 9 फीट गहरा गड्ढा खुदवा लिया था। पुलिस ने मंगलवार (16 दिसंबर) देर रात खुदाई कर शव बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

बुर्का नहीं पहने पर ट्रिपल मर्डर

आरोपी फारुख ढाबे और शादियों में रोटी बनाने का काम करता है। उसके पांच बच्चे थे, तीन बेटियां और दो बेटे। करीब एक महीने पहले उसका पत्नी ताहिरा से घरेलू विवाद हुआ। विवाद के बाद ताहिरा बिना बुर्का पहने अपने मायके चली गई थी। ताहिरा के बुर्का नहीं पहनने से फारुख को लगा कि इससे उसकी इज्जत को ठेस पहुंची है। बस इस बात से नाराज होकर उसने हत्या की योजना बनाई।

कैसे दिया वारदात को अंजाम?

फारुख ने अपने नापाक मनसूबों को अंजाम देने के लिए कैराना से अवैध तमंचा और कारतूस खरीदे। घर में शौचालय के सेप्टिक टैंक के बहाने गड्ढा खोदवाया। ताहिरा को अच्छा व्यवहार दिखाकर घर वापस बुलाया और फिर 9-10 दिसंबर की रात वारदात को अंजाम दिया।

फारुख ने ताहिरा को चाय बनाने के बहाने आंगन में बुलाया और पीछे से गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर बड़ी बेटी आफरीन जागी और मौके पर पहुंची, तो फारुख ने उसे भी गोली मार दी। गोली की आवाज से छोटी बेटी सहरीन भी जाग गई, लेकिन फारुख की गोलियां खत्म हो गई थी तो उसका गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। अपनी पत्नी और 2 बेटियों की हत्या कर फारुख ने तीनों शवों को गड्ढे में डालकर कपड़ा बिछाया और फिर मिट्टी डाल दी।

कैसे हुआ खुलासा?

हत्या के बाद फारुख सामान्य व्यवहार करता रहा। उसके 5 बच्चे हैं, जब बाकी बच्चे मां और बहनों के बारे में पूछते तो कहता कि वे शामली में किराए के मकान में हैं। 10 दिसंबर से ताहिरा और दो बेटियां लापता थीं। फारुख के पिता दाउद को शक हुआ। बच्चों के बार-बार पूछने और फारुख के असंतोषजनक जवाबों से परेशान होकर दाउद ने मंगलवार शाम पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने फारुख को हिरासत में लिया। सख्त पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। शामली एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम ने घर में खुदाई की और रात करीब 10 बजे तीनों शव बरामद किए। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल तमंचा और कारतूस भी बरामद किए हैं।

फोटो खिंचवाने से करता था परहेज

फारुख की कट्टर सोच तीन लोगों की मौत का कारण बन गई। रिपब्लिक भारत से बात करते हुए फारुख की मां असगरी ने बताया कि वह परिवार पर सख्त पर्दे का दबाव डालता था। वो फोटो खिंचवाने से परहेज करता था। उसके घर की दीवारों पर भी कोई तस्वीर नहीं है। यहां तक की उसने अपनी शादी में भी फोटो नहीं खिंचाई थी।

पत्नी और बेटियों का नहीं बनवाया आधार कार्ड

पुलिस जांच में धार्मिक कट्टरता को मुख्य वजह माना जा रहा है। हालांकि, घरेलू झगड़े और आर्थिक तंगी भी सामने आई है। फारुख पर धार्मिक कट्टरता इस हद तक हावी थी कि उसने पत्नी और बेटियों का आधार कार्ड तक नहीं बनवाया, क्योंकि आधार के लिए फोटो खिंचवानी पड़ती। चोरी से एक बेटी का आधार कार्ड दादी ने बनवाया था, जिसको भी फारुख ने ले लिया और उसके बाद उसका क्या किया दादी को नहीं पता।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 17 December 2025 at 21:21 IST