अपडेटेड 18 July 2025 at 13:09 IST

अवैध धर्मांतरण में D-Company का हाथ? जलालुद्दीन उर्फ छांगुर का दाऊद इब्राहिम कनेक्शन! लखनऊ के अवध इंटरनेशनल होटल का रहस्य

लखनऊ का अवध इंटरनेशनल होटल, जो कभी सीमा पैलेस के नाम से जाना जाता था, 1993 के बम धमाकों के बाद दाऊद इब्राहिम का नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया था। तब से इस होटल पर इंटरपोल और दूसरी जांच एजेंसियों की नजर रही है। अब छांगुर बाबा की वजह से ये होटल फिर चर्चा में है।

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छांगुर का दाऊद इब्राहिम कनेक्शन | Image: AI image

UP Religious Conversion Row : जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का मायाजाल देश के कई राज्यों से होता हुआ विदेशों में कई देशों तक फैला हुआ था। जांच एजेंसियां इस मामले में हर रोज नए-नए खुलासे कर रही हैं। अब छांगुर बाबा का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम कनेक्शन सामने आया है। लखनऊ के अवध इंटरनेशनल होटल में छांगुर, नीतू और नवीन (जमालुद्दीन) लगातार रुकते थे और इस होटल से दाऊद इब्राहिम का सीधा कनेक्शन है।

अवैध धर्मांतरण रैकेट के सरगना छांगुर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के बीच कनेक्शन का केंद्र बिंदु लखनऊ का अवध इंटरनेशनल होटल है। यह होटल, जो पहले सीमा पैलेस के नाम से जाना जाता था, नब्बे के दशक से ही जांच एजेंसियों और इंटरपोल की राडार पर रहा है। छांगुर और उसके सहयोगी नीतू-नवीन पिछले एक साल तक अवध इंटरनेशनल होटल में नियमित रूप से रुकते थे।

होटल का दाऊद इब्राहिम कनेक्शन

अवध इंटरनेशनल होटल का इतिहास दाऊद इब्राहिम से जुड़ा हुआ है। इस होटल के मालिक हाजी चचा थे, जिनके फैजाबाद रोड पर दो होटल हैं, अवध इंटरनेशनल (पहले सीमा पैलेस) और डायमंड होटल। हाजी चचा की बड़ी बेटी सीमा की शादी दाऊद इब्राहिम के भाई से हुई थी, इस हिसाब से हाजी चचा दाऊद के ससुर थे। सीमा के नाम पर ही इस होटल का नाम पहले सीमा पैलेस रखा गया था। हाजी चचा एक रसूखदार व्यक्ति थे, जिनकी संपत्ति न केवल लखनऊ में, बल्कि मुंबई में भी फैली हुई थी। उनकी मौत कुछ महीने पहले हुई, लेकिन उनके परिवार का प्रभाव अब भी कायम है। उनके दो बेटे और एक दूसरे बेटी है। ये होटल अभी भी सीमा के नाम पर दर्ज है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हाल ही में छांगुर से जुड़े 15 ठिकानों पर छापेमारी की है, जिसमें लखनऊ और मुंबई भी शामिल थे। इस कार्रवाई में 2 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेनदेन की जांच की जा रही है, जो इस रैकेट से जुड़ा माना जा रहा है।

90 के दशक से जांच के घेरे में होटल

90 के दशक में मुंबई बम धमाकों के बाद अवध इंटरनेशनल होटल पहली बार जांच एजेंसियों के निशाने पर आया। 1993 के इन धमाकों में दाऊद इब्राहिम का नाम मुख्य आरोपी के रूप में सामने आया था और तब से इस होटल पर इंटरपोल और दूसरी जांच एजेंसियों की नजर रही है। यह माना जाता है कि इस होटल का उपयोग दाऊद के नेटवर्क द्वारा अलग-अलग अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता था।

छांगुर और हाजी चचा का संबंध

यह भी सामने आया है कि अवैध धर्मांतरण रैकेट चलाने वाले छांगुर बाबा के हाजी चचा के साथ भी संबंध थे। हाजी चचा की मौत हो चुकी है, लेकिन छांगुर का इस होटल में लगातार आना-जाना और उसका अवैध नेटवर्क इस बात की ओर इशारा करता है कि ये होटल उसके लिए एक सुरक्षित ठिकाना बन गया था। ED की जांच में यह भी शक है कि छांगुर के गिरोह को विदेशी फंडिंग मिल रही थी।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 18 July 2025 at 13:09 IST