अपडेटेड 21 September 2024 at 20:42 IST
Daati Maharaj: संकट में दाती महाराज, शिष्या से रेप मामले में तय हुए आरोप, जानिए पूरा मामला
शुक्रवार को आरोप तय किए जाने के बाद आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 18 अक्टूबर तक का समय दिया है।
दिल्ली की एक कोर्ट ने स्वयंभू बाबा दाती महराज और उनके दो भाइयों अशोक एवं अर्जुन के खिलाफ रेप, आप्राकृतिक यौन संबंध बनाने और आपराधिक धमकी देने का आरोप तय कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (विशेष त्वरित कोर्ट) नेहा की ऑनलाइन दैनिक रिपोर्ट के अनुसार, 'आरोप पर आदेश पारित किया गया और तदनुसार आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोप तय किए गए।' इस बीच, कोर्ट ने मामले में दाती के एक अन्य भाई अनिल को आरोप मुक्त कर दिया।
कोर्ट द्वारा शुक्रवार को आरोप तय किए जाने के बाद आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया है। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की है। पीड़िता के वकील प्रदीप तिवारी ने कहा कि कोर्ट ने दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी और उनके भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध), 506 (आपराधिक धमकी) और और 34 (साझा मंसूबा रखने) के तहत आरोप तय किए हैं।
दाती महाराज के 3 भाइयों पर भी रेप के आरोप
दाती महाराज की एक शिष्या द्वारा स्वयंभू बाबा और उसके तीन भाइयों - अशोक, अनिल और अर्जुन - के खिलाफ दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में सात जून 2018 को बलात्कार की शिकायत दायर की गई थी। इसके बाद आईपीसी के तहत बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध, छेड़छाड़ और साझा मंसूबा रखने के कथित अपराधों को लेकर 11 जून को एक एफआईआर दर्ज की गई थी।
दिल्ली पुलिस ने दाती महाराज से की पूछताछ
पुलिस ने 22 जून को दाती से पूछताछ की, जिस पर दिल्ली और राजस्थान में अपने आश्रमों में शिष्या से बलात्कार करने का आरोप है। यह मामला इसके बाद अपराध शाखा को स्थानांतरित किया गया जिसने एक अक्टूबर को आरोपपत्र दाखिल किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन अक्टूबर, 2018 को इस मामले को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया और कहा कि जिस तरह से दिल्ली पुलिस ने जांच की उससे जांच पर असर पड़ा है।
26 अक्टूबर को दर्ज हुई थी एफआईआर
एजेंसी ने नौ जनवरी 2016 को फतेहपुर बेरी स्थित आश्रम में 25 वर्षीय महिला से बलात्कार और पीड़िता के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोप में दाती और उसके तीन भाइयों के खिलाफ 26 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की थी। 3 अक्टूबर के आदेश के खिलाफ दाती की याचिका शुरू में सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी, जिसने उन्हें अपनी शिकायत के साथ हाईकोर्ट का रुख करने के लिए कहा था। लेकिन हाईकोर्ट ने 14 नवंबर 2018 को पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद, सीबीआई ने इस मामले में चार सितंबर 2020 को एक पूरक आरोपपत्र दाखिल किया था।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 21 September 2024 at 20:42 IST