अपडेटेड 21 October 2024 at 19:08 IST

Baba Siddiqui Murder Case: 4 आरोपियों की बढ़ी रिमांड, सबको आमने-सामने बिठाकर पुलिस करेगी पूछताछ

मुंबई की एक अदालत ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में सोमवार (21 अक्टूबर) को 4 आरोपियों की पुलिस हिरासत 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी।

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Baba Siddiqui Murder Case: 4 आरोपियों की बढ़ी रिमांड, सबको आमने-सामने बिठाकर पुलिस करेगी पूछताछ | Image: PTI

बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में गिरफ्तार किए गए 4 आरोपियों की मुसीबतें बढ़ती हुईं दिखाई दे रही है। मुंबई की एक अदालत ने बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में सोमवार (21 अक्टूबर) को 4 आरोपियों की पुलिस हिरासत 25 अक्टूबर तक बढ़ा दी। राज्य के पूर्व मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता सिद्दीकी को 12 अक्टूबर को रात करीब 9:30 बजे बांद्रा के निर्मल नगर इलाके में गोली मार दी गई थी और वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। कुछ समय बाद पास के लीलावती अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23), उत्तर प्रदेश के धर्मराज कश्यप (21), हरीश कुमार निषाद (26) और पुणे के प्रवीण लोनकर (30) को सोमवार को उनकी प्रारंभिक रिमांड की अवधि समाप्त होने पर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एस्प्लेनेड कोर्ट) वी आर पाटिल के समक्ष पेश किया गया। पुलिस ने यह कहते हुए आगे की रिमांड का अनुरोध किया कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं। अभियोजन पक्ष के अनुसार, सिंह और कश्यप के साथ-साथ वांछित आरोपी शिवकुमार गौतम ने सिद्दीकी (66) पर गोली चलाई। प्रवीण लोनकर का भाई शुभम जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से कथित तौर पर जुड़ा है।


पिता की मौत के बाद मुझ पर हत्यारों की नजरेंः जीशान

एनसीपी नेता बाबा सिद्दिकी के बेटे जीशान सिद्दीकी ने रविवार को कहा कि उनके पिता के हत्यारों ने उन पर नज़र गड़ा दी लेकिन उन्हें डराया नहीं जा सकता।
बाबा सिद्दिकी की पिछले दिनों गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। जीशान ने अपने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर कहा, 'उन्होंने हमेशा के लिए मेरे पिता का मुंह बंद कर दिया। लेकिन वे भूल गए - वह एक शेर थे और मैं उनकी दहाड़ को अपने भीतर रखता हूं, उनकी लड़ाई मेरी रगों में है। वह न्याय के लिए खड़े हुए, बदलाव के लिए लड़े और अडिग साहस के साथ तूफानों का सामना किया।'


एक और पोस्ट में लिखा, 'उन्होंने एक को मारा...'

उन्होंने कहा, 'जिन्होंने उन्हें मारा, वे अब यह मानकर मेरी ओर देख रहे हैं कि वे जीत गए हैं, मैं उनसे कहता हूं: मेरी रगों में शेर का खून दौड़ता है। मैं अब भी यहां निडर और अडिग हूं। उन्होंने एक को मार डाला, लेकिन मैं उनकी जगह पर खड़ा हूं। यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। आज, मैं वहीं खड़ा हूं जहां वह खड़े थे: जीवित, अथक और तैयार। पूर्वी बांद्रा के मेरे लोगों के लिए, मैं हमेशा आपके साथ हूं।'

Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 21 October 2024 at 18:55 IST