अपडेटेड 3 May 2024 at 17:26 IST

पाकिस्तान में 5 रुपये वाला Parle-G बिस्कुट की कीमत सुनकर सिर पकड़ लेंगे, अमेरिका में भी जान लीजिए

भारत और दूसरे देशों में पारले जी की कीमत में काफी अंतर है। खासतौर पर पाकिस्तान में ये बिस्कुट भारत के मुकाबले कई गुना महंगा मिलता है।

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पारले जी बिस्कुट | Image: X

Parle-G Biscuit: पारले जी केवल एक बिस्कुट नहीं बल्कि ये लोगों के इमोशन से जुड़ा है। इससे कई लोगों के बचपन की यादें जुड़ी है। शायद ही भारत में कोई घर जो जहां पारले जी का बिस्कुट न खाया जाता हो। बचपन से हम इसे खाते आ रहे हैं और आज भी कई लोग ऐसे हैं जिनकी चाय पारले जी के बिस्कुट के बिना अधूरी रहती है। ये वो बिस्कुट है, जिसे लोगों ने चाय-दूध के साथ पानी में डूबाकर भी खाया है।

पारले जी को लेकर दिवानगी केवल भारत में ही नहीं। दूसरे देशों में भी ये खूब बिकते हैं और लोग इसे काफी पसंद भी करते हैं। खासतौर पर अमेरिका और पाकिस्तान में। लेकिन भारत और दूसरे देशों में पारले जी की कीमत में काफी अंतर है। खासतौर पर पाकिस्तान में ये बिस्कुट भारत के मुकाबले कई गुना महंगा मिलता है।

अमेरिका में इतने में मिलता है पारले जी बिस्कुट

बात भारत की करें तो हमारे यहां 5 रुपये वाला पारले जी का पैकेट 65g का आता है। वहीं रिपोर्ट बताती हैं कि अमेरिका में 56.5g वाले पारले जी का एक पैकेट आपको करीबन 10 रुपये में मिल जाएगा यानी अमेरिका में एक डॉलर में 8 पैक आ जाएंगे।

पाकिस्तान में कीमत जानकर रह जाएंगे दंग

अब बात पाकिस्तान की कर लेते हैं। पाकिस्तान में महंगाई किस चरम पर पहुंच चुकी हैं, इससे तो आप अच्छे से वाकिफ होंगे। यहां जरूरत के सामान जैसे आटा-दाल की कीमतें आसमान पर पहुंची हुई है। ऐसे में यहां पारले जी की कीमत भी काफी ज्यादा है। रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान में पारले जी का एक पैकेट 50 रुपये तक में मिलता है। महंगाई बढ़ने से 5 रुपये वाले पारले की कीमत पाकिस्तान में वहां की करेंसी में 50 रुपये हो गई है।

पारले जी का इतिहास

पारले जी का इतिहास आजादी से पहले का है। इस सफर की शुरुआत साल 1929 में हुआ था। जब ब्रिटिश शासन के खिलाफ देश में स्‍वदेशी आंदोलन ने रफ्तार पकड़ी थी। उसी दौरान मोहनलाल दयाल ने मुंबई के विले पार्ले में एक फैक्‍ट्री लगाई थी। बताया जाता है कि  कस्‍बे के नाम से ही कंपनी का नाम 'पारले' नाम पड़ा।

साल 1938 में पारले ने बिस्कुट बनाने का फैसला लिया। इस दौरान पारले-ग्लूको के नाम से बिस्कुट का उत्पादन शुरू हुआ। कंपनी ऐसे बिस्कुट बनाना चाहती थी, जिसे देश का आम आदमी खरीद सके। कम वक्त में पूरे देश में हर घर में इसने अपनी पकड़ बना ली। 1940-50 के दशक में कंपनी ने पहला नमकीन बिस्कुट सॉल्टेड मोनाको बनाना शुरू किया। पारले ने बिस्कुट के अलावा टॉफी समेत कई चीजों का भी उत्पादन शुरू कर दिया था। वहीं, 1980 के बाद पारले ग्लूको बिस्कुट के नाम को शॉर्ट किया गया। इसके बाद इसका नाम पड़ा पारले-जी। यहां जी का मतलब ग्लूकोज ही था। 

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 3 May 2024 at 17:26 IST