अपडेटेड 16 July 2024 at 12:57 IST

हरेला पर्व पर CM Dhami ने दी बधाई, 'एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़ने की अपील की

उत्तराखंड में बड़े ही धूमधाम के साथ हरेला पर्व मनाया जाता है, हरेला सावन (Sawan) के आगमन का संदेश देता है, मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को बधाई दी है।

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी | Image: Twitter@pushkardhami

CM Dhami on Harela Festival: उत्तराखंड में बड़े ही धूमधाम के साथ हरेला पर्व मनाया जाता है, हरेला सावन (Sawan) के आगमन का संदेश देता है, वहीं हरेला देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) का लोकपर्व है, जो प्रकृति से जुड़ा हुआ है। खासतौर पर हरेला पर्व उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रदेशवासियों को हरेला पर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है और कहा है कि, 'आइए हम सब प्रकृति पूजन और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित लोक पर्व हरेला की परंपरा को आगे बढ़ाने और प्रकृति को हरा-भरा रखने का संकल्प लें।'

जब सूर्य देव कर्क राशि में प्रवेश करते हैं तो हरेला का पर्व मनाया जाता है। इस साल हरेला पर्व आज यानी (16 जुलाई) को मनाया जा रहा है। उत्तराखंड को शिवभूमि भी कहा जाता है, क्योंकि यहां केदारनाथ ज्योतिर्लिंग (Kedarnath Jyotirlinga) और शिवजी (Lord Shiva) का ससुराल भी है। इसलिए उत्तराखंड में हरेला पर्व खास महत्व रखता है। इस दिन लोग भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी करते हैं। 

'एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़े- CM धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- 'आप सभी को हरियाली और सुख-समृद्धि के प्रतीक उत्तराखण्ड के पौराणिक लोकपर्व हरेला की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। आइए, प्रकृति पूजन और पर्यावरण संरक्षण को समर्पित लोक पर्व हरेला की परंपरा को आगे बढ़ाने और प्रकृति को हरा-भरा रखने का संकल्प लें और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान से जुड़कर ज्यादा से ज्यादा संख्या में पौधारोपण कर पर्यावरण को हरा-भरा बनाएं। जय हिंद-जय उत्तराखण्ड।' 

Pushkar Singh Dhami

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राज्यपाल गुरमीत ने भी दी हरेला की बधाई

उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने भी प्रदेशवासियों को लोकपर्व हरेला की शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को समर्पित ‘हरेला’ पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक परंपरा और प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन का पर्व है।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 16 July 2024 at 12:57 IST