अपडेटेड 20 August 2024 at 17:52 IST

लेटरल एंट्री का विज्ञापन रद्द, PM मोदी के हनुमान ने कह दी बड़ी बात- उन्होंने फिर समाज का दिल जीता है

चिराग ने कहा कि कांग्रेस सरकारों और विपक्षी सरकारों ने पहले भी लेटरल एंट्री की है। विपक्ष ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है कि यह पहली बार शुरू हो रहा है।

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PM मोदी ने जीता समाज का विश्वास, विपक्ष ने फैलाया भ्रम | Image: PTI

Lateral Entry: लेटरल एंट्री पर जारी विवाद के बीच मोदी सरकार ने फैसले को वापस ले लिया है। लेटरल एंट्री के तहत कैंडिडेट्स बिना UPSC की परीक्षा दिए भर्ती किए जाते हैं। सबसे अहम बाते हैं कि इस प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का फायदा नहीं मिलता है। फिलहाल नरेंद्र मोदी सरकार ने लेटरल एंट्री पर रोक लगा दी है और UPSC को सीधी भर्ती वाला विज्ञापन रद्द करने का आदेश दिया है।

UPSC में लेटरल एंट्री रद्द करने के लिए DoPT की ओर से UPSC चेयरमैन को लिखे पत्र पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा  कि जैसे ही लेटरल एंट्री का मुद्दा हमारे संज्ञान में आया, मैं विभिन्न विभागों के साथ चर्चा कर रहा हूं। मैंने प्रधानमंत्री के सामने भी अपनी बात रखी।

PM मोदी ने फिर समाज का विश्वास जीता-  चिराग पासवान

चिराग ने कहा कि कांग्रेस सरकारों और गठबंधन में बनी विपक्षी सरकारों ने पहले भी लेटरल एंट्री की है। विपक्ष ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहा है कि यह पहली बार शुरू किया जा रहा है। आज लेटरल एंट्री भर्ती का विज्ञापन रद्द कर दिया गया है। मैं और LJP(रामविलास) इसके लिए PM मोदी को धन्यवाद देते हैं, उन्होंने फिर से समाज का विश्वास जीता है।

क्या है लेटरल एंट्री?

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक, सिद्धांत रूप में लेटरल एंट्री को दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग ने समर्थन दिया था, जिसका गठन 2005 में हुआ। इसके अध्यक्ष वीरप्पा मोइली थे। 2013 में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी इसी दिशा में थीं।

नौकरशाही में लेटरल एंट्री औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई, जिसमें 2018 में रिक्तियों का पहला सेट घोषित किया गया था। सरकार ने UPSC को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री सिस्टम की व्यवस्था की। पिछली सरकारों में लेटरल एंट्री फॉर्मल सिस्टम नहीं था। उम्मीदवारों को आम तौर पर तीन से पांच साल की अवधि के अनुबंध पर नियुक्त किया जाता है, जिसमें प्रदर्शन के आधार पर विस्तार की संभावना होती है।

लेटरल एंट्री मतलब बिना परीक्षा सीधी भर्ती 

आसान भाषा में समझिए कि लेटरल एंट्री से बिना परीक्षा सीधी भर्ती होती है। ये सीधी भर्ती UPSC के बड़े पदों पर होती है, जिनके लिए प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स शामिल होते हैं। राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम करने वाले लोगों को शामिल किया जाता है।

इसे भी पढ़ें: लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार ने लगाई रोक, UPSC को सीधी भर्ती वाला विज्ञापन रद्द करने का आदेश

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 20 August 2024 at 17:52 IST