अपडेटेड 7 November 2021 at 17:34 IST
Chhath Puja 2021: नहाय खाय के साथ सोमवार से शुरू हो रहा महापर्व छठ, जानें ये दिन व्रती के लिए क्यों होता है महत्वपूर्ण
छठ को महापर्व इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये पूरे 4 दिन मनाया जाता है। कल यानि सोमवार (8 नवंबर) से इस महापर्व की शुरुआत हो रही है।
Chhath Puja 2021: 'उगह हे सूरज देव भेल भिनसरवा, अरघ के रे बेरवा हो पूजन के रे बेरवा हो'... छठ मनाने वाले हर घर में ये गीत नवरात्री से ही गूंजने लगती है। पूरे साल बेसब्री से लोग इस पर्व का इंतजार करते हैं। बिहार, झारखंड समेत उत्तर प्रदेश में धूमधाम से ये त्यौहार मनाया जाता है। छठ में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। छठ को महापर्व इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये पूरे 4 दिन मनाया जाता है। कल यानि सोमवार (8 नवंबर) से इस महापर्व की शुरुआत हो रही है।
नहाय खाय
महापर्व छठ के पहले दिन पहले दिन नहाय खाय मनाया जाता है। इसमें सभी व्रती महिलाएं प्रातःकाल स्नान कर के और साफ सुथरे वस्त्र पहनती हैं। इसके बाद भगवान सूर्य की पूजा करने के बाद सात्विक (शाकाहारी) भोजन ग्रहण कर अपने व्रत को शुरू करती हैं। कुछ जगहों पर इस दिन कद्दू की सब्जी और चावल बनाया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक, नहाय खाय के साथ ही व्रती 36 घंटे के निर्जला व्रत को प्रारंभ करते हैं। नहाय खाय के दिन लहसन प्याज खाना वर्जित है इसलिए ध्यान रहे खाना पूरी तरह सात्विक हो। नहाय खाय के बाद अगले दिन खरना होगा और तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन प्रात:काल सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
छठ पूजा 2021
महापर्व छठ पूरी तरह से प्रकृति को समर्पित है। छठ पूजा में गन्ना, ठेकुआ और फल चढ़ाया जाता है। इस पर्व में साफ -सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। छठ पूजा दिवाली के छह दिन बाद मनाई जाती है। जो भी लोग सच्चे मन से छठ का व्रत और भगवान सूर्य की उपासना करते हैं, उनकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। छठ में सूर्य देवता के साथ ही छठी मईया की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, छठ का व्रत करने से निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही संतान के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए भी छठ का व्रत किया है। छठ पूजा में व्रती महिलाओं को पानी में खड़ा होकर ही सूर्य को अर्घ्य देना होता है।
08 नवंबर (सोमवार) - नहाय खाय
09 नवंबर (मंगलवार)- खरना
10 नवंबर (बुधवार)- छठ पूजा (डूबते सूर्य को अर्घ्य देना)
11 नवंबर (गुरुवार)- पारण (सुबह के समय उगते सूर्य को अर्घ्य देना)
Published By : Vineeta Mandal
पब्लिश्ड 7 November 2021 at 17:32 IST