अपडेटेड 18 July 2025 at 13:24 IST
Uttarakhand: धर्मांतरण को लेकर यूपी ATS का एक और बड़ा खुलासा, छांगुर उर्फ जलालुद्दीन के 2 करीबी उत्तराखंड से गिरफ्तार
जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ यूपी ATS का तबाड़तोड़ एक्शन जारी है। अब उत्तराखंड से भी छांंगुर के दो करीबी को गिरफ्तार किया है। दोनों से एटीएस पूछताछ कर रही है।
अवैध धर्मांतरण का गंदा खेल खेलने वाले जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ योगी सरकार का तबाड़तोड़ एक्शन जारी है। छांगुर बाबा का नेटवर्क महज उत्तर प्रदेश तक ही नहीं फैला है, कई और प्रदेशों में भी इसने अपने जाल फैलाए हुए थे। इस कड़ी में यूपी ATS को बड़ी सफलता हाथ लगी है। यूपी एटीएस ने उत्तराखंड से छांगुर के 2 करीबी लोगों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपी उत्तराखंड में छांगुर बाबा के धर्मांतरण के नेटवर्क को संभालता था।
यूपी एटीएस ने छांगुर बाबा के करीबी अब्दुल रहमान को शंकरपुर और मरियम को डोईवाला इलाके से हिरासत में लिया है। अब्दुल रहमान छांगुर के इशारे पर उत्तराखंड में धर्मांतरण का नेटवर्क चला रहा था। उसके पास से कई अहम दस्तावेज और उसके गैजेड्ट्स ATS ने अपने कब्जे में ले लिया है। रहमान के साथ-साथ डोईवाला की एक महिला मरियम से भी पुलिस ने पूछताछ की है, जो इस नेटवर्क की कथित रूपी से जुड़ी हुई बताई जा रही है।
अब्दुल रहमान उत्तराखंड में फैला रहा था नेटवर्क
बताया जा रहा है कि अब्दुल रहमान स्थानीय स्तर पर धर्मांतरण की गतिविधियों में सक्रिय था और वह छांगुर बाबा के नेटवर्क का हिस्सा था और उसे उत्तराखंड में फैला रहा था। यूपी ATS द्वारा उसके पास से जो कुछ दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है। ATS अब इन दोनों के माध्यम से उत्तराखंड में छांगुर की प्रॉपर्टी तलाशने में जुटी है।
मरियम की भूमिका की जांच
यूपी एटीएस अब्दुल रहमान को अपने साथ ले गई है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में इस रैकेट का नेटवर्क कितना फैला हुआ है और इसमें और कौन-कौन शामिल हो सकता है। पूछताछ के बाद कुछ और नाम के खुलासे हो सकते हैं। मरियम से भी गहन पूछताछ की है। संदेह है कि मरियम इस रैकेट में कोई भूमिका निभा रही था।
इन राज्यों में भी छांगुर बाबा का नेटवर्क
छांगुर बाबा ने अपना नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला रखा था। इसके जाल यह महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, बिहार और पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ था। वह सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखता था, ताकि उसकी गतिविधियां गुप्त रहें। इसके साथ ही, उसने स्थानीय अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों में अपनी पैठ बनाई थी, जिससे उसे संरक्षण मिलता रहा।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 18 July 2025 at 13:24 IST