अपडेटेड 30 April 2025 at 20:35 IST

Caste Census: जातीय जनगणना से समाज आर्थिक-सामाजिक रूप से होगा मजबूत, कांग्रेस ने सालों सिर्फ राजनीति की- केशव प्रसाद मौर्य

Caste Census: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि जातीय जनगणना से समाज और आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत होगा।

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Keshav Prasad Maurya on Caste Census | Image: X-@kpmaurya1

Caste Census: केंद्र सरकार के जातीय जनगणना के जनगणना के साथ कराने के फैसले पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि जातीय जनगणना से समाज और आर्थिक व सामाजिक रूप से मजबूत होगा। इससे देश की प्रगति को पंख लग जाएंगे। देश में एक नई ऊर्जा का संचार होगा जो विकसित भारत में सहायक होगा।

जातीय जनगणना के मोदी सरकार फैसले का स्वागत करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी जैसी दृढ़ इच्छाशक्ति शक्ति वाला नेता ही यह फैसला ले सकता है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कई दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस हमेशा ही जातीय जनगणना का विरोध करती रही है। कटु सच्चाई यह है कि पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों में देश की कमान आने के बाद ही कांग्रेस को पिछड़ा वर्ग का ख्याल आया। उसके बाद कांग्रेस पिछड़ा वर्ग का राग अलापने लगी।

कांग्रेस ने जातीय जनगणना अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया- मौर्य

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मनमोहन सरकार ने 2010 में लोकसभा में आश्वासन दिया था कि कैबिनेट में जातीय जनगणना पर विचार किया जाएगा। तब अधिकांश दल इस समाजिक न्याय की बात कर रहे थे। तबके गृहमंत्री पी चिदंबरम ने इसका विरोध करते हुए कहा कि जातियों की गिनती जनगणना में नहीं, बल्कि अलग से कराई जाएगी। कांग्रेस सरकार ने जातीय जनगणना के बजाय एक सर्वे कराना उचित समझा जिसे एसइसीसी के नाम से जाना जाता है, उस पर 4893.60 करोड़ रुपए फूंक दिए। इसमें 8.19 करोड़ गलतियां पाईं गई। जुलाई 2015 में इसका खुलासा हुआ। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के बाकी दलों ने नाहक रूप से जातीय जनगणना को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया, जबकि वह इस मामले में कतई गंभीर नहीं थे। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार ने जातिगत सर्वे कराया था, लेकिन उसे कभी सार्वजनिक नहीं किया। जो आंकडे जुटाए भी थे, उनमें पारदर्शिता का घोर अभाव था। सीधी बात है कि जातिगत जनगणना, जनगणना के साथ ही संभव हो सकती है।

जातीय जनगणना के ऐलान ने देश में नई ऊर्जा का संचार कर दिया- मौर्य

केशव मौर्य ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी जातीय जनगणना का विरोध नहीं किया। गृहमंत्री अमित शाह ने कई दफा यह स्पष्ट किया कि भाजपा जनगणना के खिलाफ नहीं है। भाजपा ने बिहार में भी जातीय जनगणना का समर्थन किया था। उन्होंने 18 सितंबर, 2024 को एलान किया था कि इस फैसले को जनगणना की घोषणा के वक्त एलान किया जाएगा और आज वह घड़ी आ गई। उन्होंने कहा कि तथ्य है कि 1931 तक देश में जातिगत जनगणना होती थी, 1941 में भी डाटा जुटाया गया, लेकिन उसे प्रकाशित नहीं किया गया। 1951 से 2011 तक जनगणना में हरेक बार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का डेटा दिया गया, लेकिन ओबीसी और दूसरी जातियों का नहीं। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने जातीय जनगणना समझ की भलाई के लिए होना चाहिए। प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए मौर्य ने कहा कि मोदी सरकार ने जातीय जनगणना का एलान करके देश में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है जो विकसित भारत बनाने में सहायक होगी।

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 30 April 2025 at 20:33 IST