अपडेटेड 22 October 2024 at 22:18 IST
विमानन कंपनियों को बम की सूचना के मद्देनजर ‘बीटीएसी’ प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया
किसी विमान या हवाई अड्डे पर बम की धमकी के मद्देनजर बम खतरा आकलन समिति (बीटीएसी) के प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया है।
किसी विमान या हवाई अड्डे पर बम की धमकी के मद्देनजर बम खतरा आकलन समिति (बीटीएसी) के प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया है ताकि विभिन्न विमानन कंपनियों को इंटरनेट पर मिल रही धमकियों से बेहतर तरीके से निपटा जा सके। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सोमवार रात को दिल्ली, मुंबई, जयपुर, पुणे, मेंगलुरु, बेंगलुरु और कोझिकोड हवाई अड्डों की बीटीएसी ने तीन विमानन कंपनियों एअर इंडिया, विस्तारा और इंडिगो के 30 विमानों को भेजे गए बम की धमकी वाले संदेशों को ‘‘अफवाह या अस्पष्ट’’ करार दिया।
हवाई अड्डे पर बम की धमकी
इन संदेशों को इसलिए ‘‘अस्पष्ट’’ माना गया क्योंकि यह पाया गया कि एक ‘एक्स’ हैंडल ने इन तीनों विमानन कंपनियों में से प्रत्येक की 10 उड़ानों के लिए अपराह्न 10:46 और 11:42 बजे के बीच बम होने संबंधी संदेशों को पोस्ट किया था। सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि बीटीएसी द्वारा अपनाए गए प्रोटोकॉल में बदलाव किया गया है और सूचना को संदिग्ध मानने के आधार पर अब बेहतर आकलन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और संबंधित एयरलाइन की सुरक्षा एजेंसियों को यात्रियों, उनके सामान और विमान की तलाशी के लिए ‘‘केंद्रित’’ सुरक्षा प्रोटोकॉल सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है, ताकि उड़ान की तैयारी करते समय कोई भी चूक न रह जाए।
अब तक 140 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई
एक वरिष्ठ विमानन सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि बम की धमकी की नयी आकलन प्रक्रिया पिछले सप्ताह से भारतीय विमानन कपंनियों को मिले कई संदेशों के बाद शुरू की गई है। विमानों में बम होने के झूठे संदेशों के कारण अब तक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की 140 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि बीटीएसी में धमकी भरे संदेशों को परिष्कृत दृष्टिकोण से देखने का निर्णय नागर विमानन मंत्रालय, नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस), सीआईएसएफ, एयरलाइन, हवाई अड्डा संचालकों, खुफिया एजेंसियों और पुलिस विभाग जैसे विभिन्न हितधारकों की हाल में हुई बैठक के बाद लिया गया।
इससे पहले, एक अधिकारी ने कहा था यदि धमकी भरे संदेश में विमान की विशिष्ट संख्या दी गई होती है, तो ऐसे दावे को ‘‘विशिष्ट’’ श्रेणी में रखा जाता है और सभी आतंकवाद-रोधी तथा अपहरण-रोधी प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिए जाते हैं, जिनमें विमान का मार्ग बदलना या आपातकालीन लैंडिंग कराना, लैंडिंग के बाद विमान में जांच करना तथा उसे हवाई अड्डे पर अलग-थलग जगह ले जाने के उपाय शामिल है।
साइबर सुरक्षा एजेंसियों जांच में जुटीं
विमानन सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए उपाय इन फर्जी सोशल मीडिया या फोन कॉल संदेशों से उत्पन्न ‘‘कुछ’’ दिक्कतों को कम करने में मदद करेंगे। साइबर सुरक्षा एजेंसियों ने कहा है कि इनमें से कुछ संदेश वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) से किए जाते हैं और ऐसे कई हैंडल, विशेष रूप से ‘एक्स’ पर, विभिन्न एयरलाइनों को संदेश भेजने से कुछ घंटे या दिन पहले ही बनाए गए थे। साइबर सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि अब तक 20-25 ऐसे हैंडल निलंबित या प्रतिबंधित किए जा चुके हैं।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 22 October 2024 at 22:18 IST