अपडेटेड 18 February 2025 at 18:34 IST

BREAKING: आजम खान परिवार को बड़ी राहत, बेटे अब्दुल्ला को रामपुर कोर्ट से मिली जमानत, 17 महीने बाद जेल से आएंगे बाहर

BREAKING: आजम खान के परिवार को रामपुर कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए अब्दुल्ला को जमनात दे दी है। करीब 17 महीने बाद आजम के बेटे जेल से बाहर आएंगे।

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आजम खान के बेटे अब्दुल्ला को मिली जमानत। | Image: PTI

BREAKING: आजम खान के परिवार को रामपुर कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। दरअसल, रामपुर कोर्ट ने सपा नेता आजम खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान की जमानत याचिका मंजूर कर ली है। कोर्ट ने अब्दुल्ला को जमनात दे दी है। करीब 17 महीने बाद आजम के बेटे जेल से बाहर आएंगे।

शत्रु संपत्ति खुर्द-बुर्द करने के मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अब्दुल्ला की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। हालांकि, अब्दुल्ला को जल से बाहर निकलने में 3-4 दिनों का समय लग सकता है। अब्दुल्ला फिलहाल हरदोई जेल में बंद हैं। 

फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट समेत अन्य मामलों में गए थे जेल

इस मामले में 9 मई 2020 को रिकॉर्ड रूम के सहायक अभिलेखपाल मोहम्मद फरीद ने दर्ज कराया था। वहीं रामपुर पुलिस ने इस मामले में दो अन्य धाराओं को जोड़ने की अपील की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट और अन्य मामले में अब्दुल्ला आजम को 2023 में जेल भेजा गया था। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी, लेकिन रामपुर कोर्ट में लंबित मामलों की वजह से उन्हें जेल में ही रहना पड़ा। 

मशीन चोरी मामले में आजम खान और बेटे को मिली जमानत

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले मशीन चोरी के एक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दी। इस मामले में जमानत से इनकार करने के इलाहाबाद HC के आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने SC का रुख किया था। जस्टिस एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने इलाहाबाद HC के उस आदेश को खारिज कर दिया, जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। जज ने सुनवाई के दौरान कहा, "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों जिसमें अपीलकर्ताओं द्वारा जेल में बिताई गई अवधि भी शामिल है, को ध्यान में रखते हुए हम आदेश को खारिज करने एवं अपीलकर्ताओं को जमानत देने के लिए तैयार हैं क्योंकि इस संबंध में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है।"

कोर्ट ने 10 फरवरी के अपने आदेश में कहा, "इसलिए आदेश को रद्द किया जाता है और अपीलकर्ताओं को उन शर्तों व नियमों के अधीन जमानत प्रदान की जाती है, जो अधीनस्थ अदालत की संतुष्टि के अनुरूप हों।"

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 18 February 2025 at 17:19 IST