अपडेटेड 14 June 2024 at 15:35 IST

Kuwait Fire: नम हुई हर आंख, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल... जब कोच्चि एयरपोर्ट पहुंचे भारतीयों के शव

Kuwait fire: अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों में से केरल के 23, तमिलनाडु के सात के अलावा अन्य राज्य के भी लोग शामिल हैं।

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कोच्चि एयरपोर्ट पहुंचे भारतीयों के शव | Image: X- ANI

Kuwait Fire Tragedy: कुवैत अग्निकांड में मारे गए 45 शवों को भारत लाया जा चुका है। भारतीयों के शव लेकर भारतीय वायुसेना का स्पेशल एयरक्राफ्ट भारत पहुंचा।

इस दौरान 31 भारतीयों के पार्थिव शरीर को कोच्चि में उतारा गया। यहां केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह समेत कई नेताओं ने पीड़ितों के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद शवों को उनके परिजनों को सौंपा गया।

परिजनों को सौंपे गए शव

पीड़ितों के पार्थिव शरीर को कोच्चि एयरपोर्ट पर उनके परिवारों को सौंपा गया। शवों को देखते ही हर किसी की आंखे नम हो गई। परिजनों का बुरा हाल हो गया। शवों से लिपटकर परिवारवाले बुरी तरह रोने लगे।

किस राज्य से कितने लोगों की हुई मौत

कुवैत में भारतीय दूतावास के अनुसार इस अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों में से केरल के 23, तमिलनाडु के 7, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 3-3, ओडिशा के 2 और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड तथा हरियाणा के एक-एक नागरिक हैं। वायुसेना का विमान कोच्चि के बाद दिल्ली लाया जाएगा।

'कम समय में लाए गए शव'

कुवैत में हुए इस अग्निकांड के पीएम मोदी के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह को वहां भेजा गया था। शवों के साथ वह भारत लौटे कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "मैं इस दुर्घटना में अपनी जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। यह एक बहुत ही दुखद घटना है और हम सभी इसके लिए बहुत दुखी हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "जैसे ही हमारी सरकार को इस घटना के बारे में पता चला, पीएम मोदी ने तुरंत एक बैठक बुलाई और हमें तुरंत कुवैत पहुंचने और सभी संभव कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द वापस लाया जा सके। हम कुवैत पहुंच गए और पीएम मोदी ने पहले ही वहां के अधिकारियों, वहां के विदेश मंत्री और कुवैत के अमीर से बात कर ली थी।"

विदेश राज्य मंत्री ने अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने हर संभव प्रयास किया, उन्होंने सभी संभव उपाय किए और सभी कागजात पूरे करने में पूरा सहयोग किया, पहचान इतने कम समय में हो गई जबकि आमतौर पर इसमें एक सप्ताह या कम से कम दस दिन लग सकते थे। पीएम मोदी के निर्देश पर, अधिकारियों ने इस काम को बहुत जल्दी किया।

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 14 June 2024 at 13:26 IST