अपडेटेड 27 January 2024 at 17:50 IST

Budget 2024: देश में सिर्फ एक बार पेश हुआ है ब्लैक बजट, जानिए कब और क्यों आई थी ऐसी नौबत?

Black Budget: देश के इतिहास में अब तक केवल एक ही बार ब्लैक बजट पेश हुआ है। इसे यह नाम क्यों दिया गया और क्या है इससे जुड़ी कहानी, आइए जानते हैं...

Follow :  
×

Share


जब देश में हुआ था ब्लैक बजट | Image: Social Media

Budget 2024: हर साल एक फरवरी का सभी इंतजार करते हैं। यही वो दिन होता है, जब सरकार द्वारा बजट पेश किया जाता है। हर वर्ग के लोगों को बजट से काफी उम्मीदें रहती हैं कि सरकार इसमें उनके लिए कोई बड़ा ऐलान करेगी। इस साल होने वाले आम चुनाव से पहले एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी।

भारत में इतिहास में कई बजट ऐसे रहे जिन्होंने किसी न किसी वजह से सभी का ध्यान खींचा। इसके चलते इन्हें अलग अलग नाम भी दिया गया। जैसे कि एक बार पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री रहते हुए साल 1997 में जो बजट पेश किया था, उसे ड्रीम बजट कहा जाता है। इसी तरह साल 1973-74 में पेश किए गए बजट को ब्लैक बजट का नाम दिया गया।

देश के इकलौते 'ब्लैक बजट' की कहानी

देश के इतिहास में अब तक केवल एक ही बार ब्लैक बजट पेश हुआ था। इसे यह नाम क्यों दिया गया और क्या है इससे जुड़ी कहानी, आइए जानते हैं...

साल 1973-74 के बजट को 'ब्लैक बजट' के तौर पर याद किया जाता है। जब इस बजट को पेश किया गया तब केंद्र में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार थी और वित्त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण थे। ब्लैक बजट उसे कहा जाता है, जिसमें सरकार को खर्च में कटौती करनी पड़ जाए। जब सरकार की आय से अधिक खर्च हो जाए तो ऐसे में खर्च में कटौती करनी पड़ती है। इसलिए बजट में भी कटौती की जाती है।

युद्ध और खराब मॉनसून की वजह से बिगड़े हालात

यह वो दौर था जब पाकिस्तान के साथ युद्ध के कारण देश के आर्थिक हालत बेहद ही खराब स्थिति में पहुंच गए थे। साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई। पाकिस्तान से अलग होकर बांग्लादेश अस्तित्व में आया। उस दौरान देश को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा था। खराब मॉनसून के चलते संकट और बिगड़ गया। फसल को भारी नुकसान पहुंचा और खेती भी काफी प्रभावित हुई थी।

क्या था इस ब्लैक बजट में...?

इन परिस्थितियों की वजह से सरकार का खर्च कमाई से काफी ज्यादा हो गया था। उस दौरान तत्‍कालीन वित्‍त मंत्री यशवंत राव बी चव्हाण को 'ब्लैक बजट' पेश करना पड़ा। बता दें कि यह ब्लैक बजट 550 करोड़ रुपये के घाटे का था। सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए कोयला खदानों, सामान्य बीमा कंपनियों और इंडियन कॉपर कॉर्पोरेशन के राष्ट्रीयकरण का फैसला लिया था। इसके लिए बजट में 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था।

यह भी पढ़ें: Budget 2024: मोदी सरकार ने तोड़े गुलामी के कई रिवाज, 2014 के बाद बजट को लेकर टूटीं ये परंपराएं
 

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 26 January 2024 at 20:57 IST