अपडेटेड 30 June 2024 at 19:36 IST
बिहार को क्यों नहीं मिल रहा स्पेशल राज्य का दर्जा, विशेष दर्जा मिलने से आम आदमी को क्या फायदा होगा?
संविधान में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, 1969 में गाडगिल कमेटी की सिफारिशों पर विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था।
Bihar Special Status: लोकसभा चुनाव के बाद देश में तीसरी बार BJP के नेतृत्व वाली NDA की सरकार बनी है। इस बार BJP के लिए मुश्किल ये है कि उसके पास बहुमत नहीं है और सरकार चलाने के लिए NDA के घटक दलों TDP और JDU का सहारा लेना पड़ रहा है। राजनीति की जरा भी समझने रखने वाले जानते हैं कि सहयोगी दल अपने समर्थन की कीमत जबरदस्त तरीके से वसूलते हैं। ये ही वजह है कि JDU ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी डिमांड फिर से सामने रख दी है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की बात कोई नहीं है। JDU और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) लंबे समय से केंद्र सरकार के सामने ये मुद्दा उठाते रहे हैं। सीएम नीतीश कुमार ने स्पेशल राज्य का दर्जा देने की मांग 2005 में उस वक्त उठाई थी, जब वो पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। विशेष राज्य के लिए अकेला बिहार ही नहीं है, बिहार के पीछे आंध्र प्रदेश भी खड़ा है। TDP प्रमुख चंद्र बाबू नायडू (Chandrababu Naidu) भी लंबे समय से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। 2014 में आंध्र प्रदेश से तेलंगाना के अलग होने के बाद राजस्व का बड़ा नुकसान हुआ। इसके बाद चंद्र बाबू नायडू ने साल 2017 में राज्य के लिए विशेष दर्जा देने की मांग उठाई थी। फिलहाल भारत में 11 राज्यों को यह दर्जा मिला हुआ है।
- असम
- नगालैंड
- मणिपुर
- तेलंगाना
- उत्तराखंड
- हिमाचल प्रदेश
- मिजोरम
- अरुणाचल प्रदेश
- त्रिपुरा
- सिक्किम
- मेघालय
केंद्र के सामने क्या मुश्किल है?
NDA का हिस्सा होने और बीजेपी पर बहुमत नहीं होने से नीतीश कुमार को उम्मीद है कि बिहार को सहायता देने सहित पार्टी की मांगों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। मोदी सरकार ने 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया है। एक बार मान भी लें कि केंद्र सरकार JDU के समर्थन को देखते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने बात मान लेती है। इसके बाद चंद्र बाबू नायडू भी आंध्र प्रदेश के लिए अपनी मांग को मजबूती से उठाएं। इसके अलावा दूसरे राज्य भी अपने लिए यह मांग उठा सकते हैं।
विशेष राज्य के दर्जे से क्या होता है?
विशेष राज्य का दर्जा उन राज्यों को दिया जाता है, जो देश के बाकी हिस्सों की तुलना में पिछड़े हुए हैं। ऐसे राज्यों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार अधिक मदद करती है। केंद्र की तरफ से राज्य सरकार को कई तरह की छूट और अनुदान दिए जाते हैं। केंद्र सरकार अपनी तरफ से विशेष पैकेज और टैक्स में छूट देती है। जिससे रोजगार, विकास और कारोबार का बढ़ाया जा सके। अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलता है तो-
- केंद्र सरकार की योजनाओं में 90% धनराशि मिलेगी
- अभी तक बिहार को 60-70% धनराशि मिलती है
- सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क, आयकर और कॉरपोरेट टैक्स में छूट
- विशेष दर्जा प्राप्त राज्यों को देश के सकल बजट का 30% हिस्सा मिलता है
कैसे मिलेता है विशेष राज्य का दर्जा?
संविधान में किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान नहीं है। हालांकि, 1969 में भारत के राज्यों की योजना के लिए केन्द्रीय सहायता को निर्धारित करने के लिए बनी गाडगिल कमेटी की सिफारिशों पर विशेष राज्य का दर्जा दिया गया था। 1969 में जम्मू-कश्मीर, नगालेंड और असम को विशेष राज्य का दर्जा मिला था। अगर मोदी सरकार अब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देती है, तो जुलाई में आने वाले बजट में वित्त मंत्रालय एक विशेष पैकेज तैयार करना होगा। ये विशेष पैकेज एक लाख करोड़ तक का हो सकता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 30 June 2024 at 19:36 IST