अपडेटेड 28 March 2024 at 14:38 IST
पूर्णिया जन्म भूमि-कर्म भूमि, 3 बार सांसद, पप्पू यादव की दो टूक-कांग्रेस बाहर भेजेगी तो नहीं लड़ेंगे
बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में टेंशन बरकरार है। सबसे बड़ा पेंच पूर्णिया सीट पर फंसा है जहां से पप्पू यादव चुनाव लड़ने की हुंकार भर चुके हैं
Bihar Politics: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) से पहले बिहार के बाहुबली नेता पप्पू यादव (Pappu Yadav) काफी सुर्खियों में हैं। कभी लालू यादव के बेहद करीबी माने जाने वाले पप्पू यादव ने आम चुनाव से पहले कांग्रेस का दामन थाम कर बड़ा फैसला लिया। 5 बार के लोकसभा सांसद पप्पू यादव आगामी चुनाव में गेम चेंजर साबित हो सकते हैं, हालांकि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे उसको लेकर सस्पेंस अभी भी बरकरार है।
बिहार में सीट शेयरिंग को लेकर महागठबंधन में टेंशन बरकरार है। सबसे बड़ा पेंच पूर्णिया सीट पर फंसा है जहां से पप्पू यादव चुनाव लड़ने की हुंकार भर चुके हैं, हालांकि अब ये खबर आई है कि RJD सुप्रीमो ने पूर्णिया से बीमा भारती को मैदान में उतारने का फैसला किया है। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर अलगअ-अलग सोच के बीच पप्पू यादव ने रिपब्लिक भारत पर खुलकर बातचीत की।
मारना पसंद लेकिन पूर्णिया नहीं छोडूंगा: पप्पू यादव
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से बातचीत करते हुए कहा कि मैनें 40 साल के संघर्ष को कांग्रेस को समर्पित किया है। मैं हाथ जोड़ कर आग्रह करूंगा, मैं मर जाउंगा लेकिन पूर्णिया नहीं छोडूंगा। उन्होंने आगे कहा, ''मेरी अपनी विचारधारा है कि मैं अपने घर यानि पूर्णिया को नंबर-1 बनाना चाहता हूं। पूरे पूर्णिया को पता था कि मैं वहां से चुनाव लड़ने वाला हूं।''
जन अधिकार पार्टी को कांग्रेस में विलय करने के बाद पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस एक अनुशासित पार्टी है। मैं कोशिश करूंगा कि बिहार में कांग्रेस को नंबर वन पार्टी बना सकूं। हालांकि, वो बार-बार एक ही बात दोहराते रहे कि मर जाउंगा पर पूर्णियां नहीं छोडूंगा।
पूर्णिया से पप्पू यादव का कनेक्शन!
लोकसभा चुनाव 2024 में पप्पू यादव पूर्णिया सीट से इसलिए लड़ना चाहते हैं क्योंकि यहां की जनता ने उन्हें 3 बार सांसद चुना है। पहली बार वो 1991 में निर्दलीय उम्मीदवार बनकर पूर्णिया में जीत हासिल की। इसके बाद 1996 के चुनाव में समाजवादी पार्टी ने उन्हें पूर्णिया सीट से टिकट दिया और पप्पू यादव ने जीत हासिल की। फिर 1999 के चुनाव में पप्पू यादव फिर निर्दलीय उम्मीदवार बनकर सांसद चुने गए।
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 28 March 2024 at 14:25 IST