अपडेटेड 25 May 2025 at 16:36 IST

'ना मुझे ये सब पसंद, ना ये बर्दाश्त...', तेज प्रताप यादव के RJD से निकाले जाने पर छोटे भाई तेजस्वी का बयान

तेजप्रताप यादव को पार्टी से निकाले जाने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि मुझे ना तो ये सब पसंद है ना मैं बर्दाश्त करता हूं।

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तेज प्रताप के पार्टी से निकाले जाने के बाद क्या बोले तेजस्वी? | Image: Republic

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके लालू प्रसाद यादव के परिवार में इन दिनों बहुत कुछ चल रहा है। बीते दिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर राष्ट्रीय जनता दल यूनाइटेड के नेता तेज प्रताप के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक से उनके 12 साल पुराने रिश्ते को लेकर एक बड़ा खुलासा किया गया।  हालांकि, पहले तेज प्रताप ने कहा कि उनका अकाउंट हैक कर, तस्वीरों का मिसयूज करके ये सब किय जा रहा है। हालांकि, इन खबरों की पुष्टि तब हो गई, जब खुद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने अपने बड़े बेटे तेज प्रताप को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। वहीं इसपर अब तेजस्वी यादव का बयान भी सामने आया है।

तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने बयान दिया, "हमें ये सब अच्छा नहीं लगता है ना हम इसे बर्दाश्त करते हैं। हम बिहार की जनता के लिए काम कर रहे हैं, जनता के सुख-दुख में हम भाग ले रहे हैं। जहां तक मेरे बड़े भाई की बात है, राजनीतिक और निजी जीवन अलग होता है। निजी जीवन के निर्णय लेने का उनका अधिकार है। राष्ट्रीय अध्यक्ष दल के नेता है, उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से अपनी भावनाएं स्पष्ट कर दी है। हम ऐसी चीजों को पसंद नहीं करते हैं।"

प्यार का इजहार करने पर लालू यादव ने बेटे को पार्टी से निकाला

तेज प्रताप को अपने 12 साल पुराने प्यार का इजहार करने के लिए ऐसी सजा मिली है, जो वह सोच भी नहीं सकते थे। दरअसल, राजद सुप्रीमो तेज प्रताप को पार्टी से निकालने का ऐलान लालू यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से किया। उन्होंने लिखा, "निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमजोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूं। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।"

लालू यादव ने लिखा कि अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूं। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद। 

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 25 May 2025 at 16:36 IST