अपडेटेड 22 April 2025 at 09:51 IST
'ये पाखंडियों का बाप है, आज BJP के जूठे पत्तल...', पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने की जीतनराम मांझी पर अभद्र टिप्पणी
पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने मांझी की तस्वीर दिखाते हुए कहा, जब मांझी मुख्यमंत्री थे और मंदिर गए थे, तो बीजेपी वालों ने गंगाजल से मंदिर धुलवाया था।
बिहार के पूर्व शिक्षा मंत्री और RJD नेता चंद्रशेखर एक बार फिर अपने विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में हैं। उनके बयान पर बिहार सियासी घमासान शुरू हो गया है। मोतिहारी में अंबेडकर जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने पूर्व सीएम और HAM नेता जीतनराम मांझी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। चंद्रशेखर ने मांझी को 'पाखंडियों का बाप' बताया है।
पूर्व शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल होने मोतिहारी पहुंचे थे। पहले सर्किट हाउस में वे जिले भर के पार्टी पदाधिकरियों से मुलाकात की और फिर नरकटिया विधानसभा क्षेत्र के छौड़ादानो प्रखंड के लतिहनवा गांव पहुंचे। यहां उन्होंने अंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर हमला बोला।
मांझी पाखंडियों का बाप है- चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने मांझी की तस्वीर दिखाते हुए मंच से कहा, जब मांझी मुख्यमंत्री थे और मंदिर गए थे, तो बीजेपी वालों ने गंगाजल से मंदिर धुलवाया था, मंदिर का शुद्धिकरण किया था। अब ये उन्हें का जूठा उठा रहे हैं। अगर वो भी कहें कि हम भी अंबेडकर के दीवाने हैं तो समझिए नहीं.. ये पाखंडियों का बाप है। RJD नेता ने आगे कहा, इसलिए कहा जाता है कि जो कौम अपने पुरखों का इतिहास नहीं जानता है वो अपने पुरखों के अपमान का बदला नहीं ले सकता है। इसलिए ये काम है हम अपने बच्चों को समझाएं कि तुम्हारे पुरखे आज भी अपमानित हैं। दस वर्ष पहले की बात है न।
HAM का चंद्रशेखर पर पलटवार
वहीं, चंद्रशेखर के इस बयान पर मांझी की पार्टी तरफ से करारा पलटवार किया गया। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण ने उनके बयान को आपत्तिजनक बताया और कहा कि चंद्रशेखर की भाषा और विचार दलित समाज के स्वाभिमान पर हमला हैं। ऐसी भाषा सामाजिक सौहार्द को भी ठेस पहुंचाने वाली है।
बता दें कि चंद्रशेखर पहले भी अपने विवादित बयान की वजह से सुर्खियों में रह चुके है। इससे पहले वो रामचरित मानस पर दिए बयान को लेकर भी चर्चा में रहे थे। जिसमें उन्होने रामचरित मानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बता दिया था। उनके इस बयान पर जमकर सियासी हंगामा हुआ था, तब महागठबंधन की सरकार में चंद्रशेखर शिक्षा मंत्री थे।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 22 April 2025 at 08:09 IST