अपडेटेड 7 November 2024 at 16:21 IST
Bihar Chhath Puja: कृष्णा से काली घाट तक... पटना के 100 घाटों पर छठ पूजा पर अर्घ्य की कैसी तैयारी?
बिहार सरकार ने छठ पूजा के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को उत्सव के लिए पूरे राज्य में व्यापक प्रबंध किए हैं।श्रद्धालु बृहस्पतिवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर देवी छठी मैया की पूजा करेंगे।
Chhath Puja: बिहार सरकार ने छठ पूजा के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को उत्सव के लिए पूरे राज्य में व्यापक प्रबंध किए हैं। श्रद्धालु बृहस्पतिवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर देवी छठी मैया की पूजा करेंगे। शाम को पटना और राज्य के अन्य हिस्सों में पवित्र गंगा नदी और अन्य जल निकायों के विभिन्न घाटों पर लाखों भक्तों के पूजा-अर्चना करने की उम्मीद है।
शुक्रवार की सुबह उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा, जो चार दिवसीय पर्व के समापन का प्रतीक होगा। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि बिहार के सबसे बड़े त्योहार छठ के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पटना जिला प्रशासन ने गंगा किनारे 100 से अधिक घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। उन्होंने बताया कि पटना के विभिन्न घाटों पर कई चिकित्सा शिविर भी लगाए गए हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार कच्ची तालाब, गर्दनीबाग तालाब, मानिकचंद तालाब, अनीसाबाद और संजय गांधी जैविक उद्यान झील जैसे विभिन्न तालाबों पर पूजा-अर्चना के लिए व्यवस्था की गई है। इसके अलावा ईको पार्क, एनर्जी पार्क, वीर कुंवर सिंह पार्क, शिवाजी पार्क, हार्डिंग पार्क, हनुमान नगर पार्क और एस के पुरी पार्क जैसे प्रमुख पार्क भी उत्सव के लिए तैयार किए गए हैं। पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बृहस्पतिवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, 'छठ पूजा के लिए सभी घाट तैयार हैं। बंशी घाट, कृष्णा घाट, काली घाट, कदम घाट और पटना कॉलेज घाट समेत सभी घाटों पर व्यवस्था कर ली गई है।'
उन्होंने कहा, ‘हमने छठ पूजा के लिए परामर्श जारी किए हैं, जिनका आगंतुकों और श्रद्धालुओं को पालन करना होगा। अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।’ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वरिष्ठ अधिकारियों के साथ छठ पर्व के लिए सुचारू व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पटना में गंगा नदी के किनारे घाटों का व्यापक निरीक्षण कर चुके हैं।
पटना जिला प्रशासन के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य की राजधानी में बड़ी संख्या में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ( एनडीआरएफ) के कर्मियों को भी शहर के विभिन्न घाटों पर तैनात किया गया है।’ चार दिवसीय उत्सव पांच नवंबर को 'नहाय खाय' अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ।
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 7 November 2024 at 14:30 IST