अपडेटेड 7 March 2025 at 14:53 IST
Bihar: जिस शराबबंदी के जरिए नीतीश ने जीता चुनाव उससे बैन हटाकर महागठबंधन बिहार में बनाएगा सरकार? कांग्रेस ने कर दिया 'धमाका'
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के विवादास्पद शराबबंदी कानून पर फिर से विचार करने और 2016 से पहले के प्रावधानों को बहाल करने का वादा किया है।
Bihar News: बिहार में 9 बरस बाद भी शराबबंदी मुद्दा हावी है। जब विधानसभा के चुनाव कुछ महीने ही दूर हैं, राज्य की सियासत में 'शराब' के सहारे वोट साधने का प्लान तैयार हो रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अप्रैल 2016 में बिहार में पूर्ण शराबबंदी का कानून इस उद्देश्य से आए कि इससे महिलाओं को लाभ हो और घरेलू हिंसाओं में कमी आए। नीतीश कुमार का ये प्लान उस समय बिहार में मास्टरस्ट्रोक भी साबित हुआ, क्योंकि महिला मतदाताओं के जोर पर वो फिर से सरकार में लौट आए। फिलहाल इसके कानून के उलट जाकर विपक्षी पार्टियों का महागठबंधन सरकार में आने की प्लानिंग कर रहा है।
बिहार में नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति का असर जरूर दिखा, लेकिन जहरीली शराब से होने वाली मौतों, लाखों मुकदमों और बड़े स्तर पर गिरफ्तारियों के चलते राज्य सरकार पर राजनीतिक दबाव रहा। इसने विपक्ष को काफी फायदा दिया, लेकिन उसी आधार पर महागठबंधन बिहार में 'शराबबंदी' हटाने की वादा करके चुनाव में उतरने की प्लानिंग कर रहा है।
शराब से बैन हटाकर महागठबंधन बिहार में बनाएगा सरकार?
महागठबंधन के नेता शराबबंदी कानून के खिलाफ शुरू से रहे हैं और हालिया चुनावों में इसका फायदा लेने की पूरी कोशिश की है। ये ठीक वैसे ही जैसे शराबबंदी लागू करके नीतीश कुमार अपनी सरकार को बचाने में सफल हुए थे। 2016 में आई शराबबंदी के बाद 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ थे। दोनों दलों को गठबंधन में रहकर पूर्ण बहुमत मिला। ये अलग है कि बीच नीतीश कुमार कुछ दिन के लिए राजद के साथ चले गए थे। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री ने दोबारा से बीजेपी से हाथ मिलाया था। आगामी चुनावों में दोनों पार्टियां जदयू और बीजेपी गठबंधन के तहत ही चुनाव लड़ने की तैयारी में है, लेकिन महागठबंधन के नेता शराबबंदी कानून को हटाने जैसे वादे करके बिहार की राजनीति में बहार ढूंढ रहे हैं।
महागठबंधन के नेताओं ने दो बड़े धमाके किए
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के विवादास्पद शराबबंदी कानून पर फिर से विचार करने और 2016 से पहले के प्रावधानों को बहाल करने का वादा किया है, अगर महागठबंधन अगली सरकार बनाता है। कांग्रेस की एक विधायक भी ने चुनावों से पहले दावा किया है कि बिहार में महागठबंधन की सरकार आएगी तो शराब से बैन हटाया जाएगा। कांग्रेस विधायक प्रतिमा दास कहती हैं, 'शराबबंदी कानून से शराब माफिया का प्रभाव ही बढ़ा है। शराबबंदी को करीब 10 साल हो गए हैं, फिर भी शराब का उत्पादन और सेवन जारी है, जिससे मौतें हो रही हैं। इससे पता चलता है कि सरकार माफिया के प्रभाव में चल रही है।'
इसके पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ताड़ी को लेकर बड़ा ऐलान कर चुके हैं। पहले दिनों तेजस्वी यादव ने कहा- 'हमने घोषणा कि हमारी सरकार बनने पर पासी भाइयों की आजीविका के लिए ताड़ी बेचने पर पाबंदी को बिहार निषेध और उत्पाद शुल्क अधिनियम-𝟐𝟎𝟏𝟔 से बाहर कर देंगे।' तेजस्वी यादव ने वर्तमान शराबबंदी नीति की तीखी आलोचना की और इसे एक विफलता बताया। पूर्व उपमुख्यमंत्री आरोप लगाते हैं कि शराबबंदी कानून की कड़ी शर्तें पुलिस के लिए एक सुविधाजनक उपकरण बन गई हैं। पुलिस अक्सर तस्करों के साथ मिलीभगत में काम करती है और कानून से बचने के लिए नए तरीके विकसित किए गए हैं।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 7 March 2025 at 14:53 IST