अपडेटेड 18 March 2025 at 23:25 IST

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बदला प्रदेश अध्यक्ष, राजेश कुमार को मिली जिम्मेदारी

कांग्रेस ने अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह पर विधायक राजेश कुमार को पार्टी का बिहार अध्यक्ष नियुक्त किया है। बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

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राहुल गांधी के साथ राजेश कुमार | Image: X/rajeshkrinc

Bihar News : 22 नवंबर, 2025 को बिहार की वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो रहा है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव अक्टूबर या नवंबर में चुनाव होने हैं। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपनी प्रदेश इकाई में बड़ा बदलाव किया है। कांग्रेस ने तत्काल प्रभाव से विधायक राजेश कुमार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

दलित समुदाय के नेता राजेश कुमार बिहार में राज्यसभा सदस्य और भूमिहार समुदाय से आने वाले अखिलेश प्रसाद सिंह की जगह लेंगे। कांग्रेस का ये फैसला सामाजिक समीकरणों को साधने की दिशा में बड़ा दाव माना जा रहा है। राजेश कुमार वर्तमान में बिहार के कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और दलित समाज के बड़े नेता के माने जाते हैं। कांग्रेस का कदम दलित कार्ड के रूप में देखा जा रहा है। 
 

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राजेश कुमार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह बदलाव ऐसे समय किया गया है जब कृष्णा अल्लावरू को बिहार का प्रभारी बनाए जाने और कन्हैया कुमार की अगुवाई में 'नौकरी दो, पलायन रोको' यात्रा शुरू किए जाने से अखिलेश प्रसाद सिंह के असहज होने की खबरें थीं।

अखिलेश प्रसाद सिंह के राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद के अच्छे रिश्ते हैं। वह कभी RJD का हिस्सा हुआ करते थे। उन्हें 2022 में बिहार कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। राजेश कुमार औरंगाबाद जिले की कुटुम्बा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। वह 2015 और 2020 में विधायक निर्वाचित हुए।

बिहार में कैसा रहा कांग्रेस का प्रदर्शन

बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले 5 विधानसभा चुनाव में अच्चा नहीं रहा है। 2005 से 2020 तक हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के प्रदर्शन में बदवाल देखने को मिला है। 

गठबंधन में सुधरा प्रदर्शन

कांग्रेस ने 2010 के विधानसभा में अकेले चुनाव लड़ा, तो प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। 2010 में अकेले सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ा, तो 4 सीटों पर सिमट गई। राज्य में पार्टी का आधार करीब-करीब खत्म हो गया था। गठबंधन के चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन फिर भी ठीक रहा। कांग्रेस ने 2015 का चुनाव राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल के साथ महागठबंधन बनाकर 41 सीटों पर लड़ा, जिसमें 27 सीटों पर जीत मिली। इसके बाद 2020 में भी महागठबंधन के साथ चुनाव लड़ा और 19 सीट जीती। इस बार महागठबंधन की हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया गया।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 18 March 2025 at 22:07 IST