अपडेटेड 8 July 2025 at 16:26 IST
Bharat Bandh on July 9: 25 करोड़ कर्मचारी कल देश में क्यों करेंगे हड़ताल? दफ्तर, स्कूल-कॉलेज, बैंक... क्या खुला रहेगा क्या बंद?
Bharat Bandh: 9 जुलाई के भारत बंद में पब्लिक सेक्टर बैंकों और बीमा कंपनियों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इसमें लेनदेन और चेक क्लीयरेंस प्रभावित हो सकता है, हालांकि बैंक यूनियनों ने अलग से सेवाएं बाधित होने की कोई पुष्टि नहीं की है। लेकिन हड़ताल आयोजनों का कहना है कि पब्लिक सेक्टर और कोऑपरेटिव बैंक के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे।
9 जुलाई 2025 को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से भारत बंद का आवाहन किया है। इसमें बैंकिंग, कोयला, खनन, डाक, बीमा और परिवहन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र के 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों की शामिल होने की उम्मीद है। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार की कॉर्पोरेट को सपोर्ट और मजदूर-किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल जरूरी हो गई है।
भारत बंद के दौरान स्कूल, कॉलेज और निजी दफ्तर खुले रहेंगे लेकिन परिवहन संगठनों के हड़ताल में शामिल होने पर यातायात में कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है या फिर कुछ जगहों पर समस्याएं आ सकती है। इसलिए घरों से निकलने से पहले अपने इलाकों में ट्रैफिक व्यवस्था जरूर देख लें।
भारत बंद को इन ट्रेड यूनियन ने दिया समर्थन
- इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन
- कांग्रेस ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस
- हिंद मजदूर सभा
- सेंटर का इंडियन ट्रेड यूनियंस
- ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन
- सेंटर ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर
- सेल्फ एंप्लॉयड वुमेन संगठन ऑल इंडिया
- सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन
- लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन
- यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस
क्या-क्या रहेगा बंद?
9 जुलाई के भारत बंद में पब्लिक सेक्टर बैंकों और बीमा कंपनियों के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। इसमें लेनदेन और चेक क्लीयरेंस प्रभावित हो सकता है, हालांकि बैंक यूनियनों ने अलग से सेवाएं बाधित होने की कोई पुष्टि नहीं की है। लेकिन हड़ताल आयोजनों का कहना है कि पब्लिक सेक्टर और कोऑपरेटिव बैंक के कर्मचारी भी इस हड़ताल में शामिल होंगे।
इस हड़ताल में पोस्ट ऑफिस, कोरियर सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है। कोल इंडिया और सार्वजनिक उ के काम ठप रहेंगे कई राज्यों में बस और टैक्सी सेवा में प्रभावित हो सकती हैं लेकिन प्राइवेट वाहन चलते रहेंगे। रेलवे यूनियनों ने औपचारिक हड़ताल का ऐलान नहीं किया लेकिन कुछ इलाकों में प्रदर्शन से लोकल ट्रेनें प्रभावित हो सकती हैं।
क्यों हो रही है हड़ताल?
ट्रेड यूनियन का कहना है कि उनकी चितांओं को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने पिछले साल श्रम मंत्री मनसुख मांडवियी को 17 सूत्रीय मांगों का एक चार्टर सौंपा था लेकिन उस पर कोई गंभीर प्रक्रिया नहीं आई। ट्रेड यूनियनों का कहना है कि सरकार ने देश के कल्याणकारी राज्य की स्थिति को त्याग दिया है। यह विदेशी और भारतीय कंपनियों के हित में काम कर रही है। यह उनकी नीतियों से स्पष्ट है जिसका शक्ति से पालन किया जा रहा है। यूनियन की ओर से सरकार से मांग की गई है कि लेबर कोड वापस लिए जाएं। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यानों का निजीकरण रोका जाए। न्यूनतम मजदूरी 26,000 रुपए प्रति माह की जाए । पुरानी पेंशन योजना बहाल की जाए। ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में रोजगार गारंटी योजना का विस्तार किया जाए।
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 8 July 2025 at 16:26 IST