अपडेटेड 19 May 2025 at 16:28 IST

कहां है भारत का सबसे अच्छा गांव, जो गूगल मैप पर नहीं दिखता, फिर देश-दुनिया से कैसे पहुंचते हैं पर्यटक?

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धूड़मारास गांव दुनियाभर में फेमस होता जा रहा है। यहां की अदभुत संस्कृति, विरासत, प्राकृतिक सुंदरता लोगों का मन मोह ले रही है। प्राकृति की गोद में बसा हुआ ये गांव पहाड़ और नदी के बीच बसे घने जंगल लोगों को काफी ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी की यह गांव गूगल मैप पर नजर नहीं आता और ना ही इसे राजस्व या फिर वन गांव का दर्जा मिला है। इसके बावजूद, यह गांव लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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Dhoodmaras Village | Image: AI

Dhoodmaras Village:  भारत विविधताओं में एकता वाला देश है, यहां अलग-अलग तरह की बोलियां, भाषाएं, संस्कृति, खान-पान और रहन सहन पाया जाता है। शहरों की चकाचौंध और गांवों की सादगी से बना ये खूबसूरत भारत अपने आप में न जाने कितनी ही धर्मों को खुद में समटे हुए है। भारत में पर्यटन भी अपनी विविधता को लेकर दुनियाभर से सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। हर साल करोड़ों की संख्या में विदेशी पर्यटक भारत में छुट्टियां मनाने आते हैं।

आज हम आपको ऐसे ही एक पर्यटक स्थल के बारे में बताएंगे जो न तो गूगल मैप पर दिखता है और न ही उसका कोई ज्यादा जिक्र होता है फिर भी वह दुनियाभर के लोगों की पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। हम बात कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के धूड़मारास गांव जिसे संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव उन्नयन कार्यक्रम के लिए चुना है।  

धूड़मारास गांव (Dhoodmaras Village)

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में धूड़मारास गांव दुनियाभर में फेमस होता जा रहा है। यहां की अदभुत संस्कृति, विरासत, प्राकृतिक सुंदरता लोगों का मन मोह ले रही है। प्राकृति की गोद में बसा हुआ ये गांव पहाड़ और नदी के बीच बसे घने जंगल लोगों को काफी ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी की यह गांव गूगल मैप पर नजर नहीं आता और ना ही इसे राजस्व या फिर वन गांव का दर्जा मिला है। इसके बावजूद, यह गांव लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

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दुनियाभर में मिली पहचान

बस्तर का धड़मारास गांव विश्वस्तर पर अपनी पहचान बना रहा है इसिलिए यहां विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। इस गांव के बात करे तो यहां पहुंचते ही आपको एक वेलकम गेट यानी स्वागत द्वार मिलेगा, जिस लिखा है धुरवा डेरा, जो कि इस इलाके में रहने वाली एक जनजाति है। यहां होमस्टे भी बनाए गए हैं। जिसकी दीवारें बांस की चटाई और लाल ईंट से बनाई गई है। होमस्टे में पत्थर की छावनी बनाई गई है। इसके अलावा, पर्यटकों के लिए जंगलों में मिलने वाले व्यंजन से तैयार भोजन परोसा जाता है।

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वाटर एक्टिविटीज का लुत्फ उठाते हैं पर्यटक

पर्यटकों का इस गांव के प्रति आकर्षण इसलिए भी और बढ़ता जा रहा है क्योंकि यहां कांगेर नदी बहती है। पर्यटक यहां तरह-तरह की वाटर एक्टिविटी भी कर सकते हैं। जिसमें कायकिंग, बम्बू राफ्टिंग शामिल हैं।

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इसके अलावा बर्ड वाचिंग, ट्रेकिंग जैसी सुविधाएं भी पर्यटकों के लिए मौजूद हैं। यहां स्थानीय लोग पर्टयकों के लिए अपने घर उपलब्ध कराते हैं जिससे उन्हें रोजगार मिल रहा है और उनके जीवन स्तर में लगातार सुधार हो रहा है। बता दें कि इस गांव में सिर्फ 40 परिवार रहते हैं। 

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Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 19 May 2025 at 16:28 IST