अपडेटेड 17 April 2024 at 11:06 IST

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट में NIA को मिली बड़ी जानकारी, ISIS कमांडर है आरोपी अब्दुल मथीन

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले में NIA ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। जानकारी मिली है कि पूछताछ के दौरान NIA को पता चला कि आरोपी अब्दुल मतीन ISIS का कमांडर है।

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बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट में बड़ा खुलासा | Image: PTI

बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले में NIA ने पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। जानकारी मिली है कि पूछताछ के दौरान NIA को पता चला कि आरोपी अब्दुल मथीन ISIS का कमांडर है। आरोपी मथीन पिछले चार सालों से फरार था और इसके साथ ही वो कई मामलों में वांछित भी था।

अब्दुल 2020 के अल हिंद मॉड्यूल मामले में आरोपी है। इसके अलावा 2020 में कन्याकुमारी में एसआई विल्सन हत्याकांड से भी उसके तार जुड़े हुए हैं। मंगलुरु लश्कर भित्तिचित्र मामला 2020 और  शिवमोग्गा ट्रायल ब्लास्ट केस 2022 में भी उसका नाम शामिल है। इसके बाद अब 2024 के बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले में भी वो आरोपी बन चुका है।

इन सभी मामलों में उसकी संदिग्ध संलिप्तता बताई जा रही है। 2022 मैंगलोर कुकर बम विस्फोट मामला हो या फिर 2022 का कोयंबटूर कार बम विस्फोट मामला, दोनों में ही उसकी भूमिका संदिग्ध है। हालांकि, एनआईए की पूछताछ के बाद आरोपी अब्दुल मथीन ताहा की संलिप्तता स्पष्ट हो जायेगी।

कौन है बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट का आरोपी मथीन?

अब्दुल मथीन ताहा बेंगलुरु में इंजीनियरिंग का छात्र था और बी.टेक की पढ़ाई कर रहा था। कॉलेज में अपनी पढ़ाई के दौरान ही उसका आईएसआईएस के साथ नेटवर्क स्थापित हुआ। साल 2019 में, वह आईएसआईएस के संपर्क में आया और फिर उसने कॉलेज छोड़ दिया। इसके बाद ताहा ने एक कॉल सेंटर ज्वाइन कर लिया।

आरोपी मथीन ताहा का ISIS से कनेक्शन

ताहा ने 2019 में कॉल सेंटर में अपनी नौकरी छोड़ दी और सड़क पर अपना खुद का बिजनेस शुरू कर दिया। उसने गुरप्पनपाल्या और सुद्दागुंटेपाल्या में बिजनेस करने लगा। ताहा ने अल हिंद मॉड्यूल की शाखा, अल हिंद ट्रस्ट के साथ संपर्क स्थापित किया। जानकारी के अनुसार वो अक्सर अल-हिंद ट्रस्ट ऑफिस जाता था। बाद में वह इस ट्रस्ट का सदस्य बन गया और मेहबूब पाशा और ख्वाजा मोइनुद्दीन के संपर्क में आया। उन्होंने ताहा को कट्टरपंथी बना दिया, जो उनके माध्यम से ISIS की गतिविधियों में शामिल हो गया।

ताहा का ISIS कमांडर बनने का सफर

अब्दुल मथीन ताहा को 6 महीने में ही कमांडर बना दिया गया। वह ट्रस्ट के सदस्य के रूप में युवाओं को कट्टर मानसिकता में ढालने का जिम्मेदार था। ताहा ने युवाओं को ISIS विचारधारा से प्रभावित करके आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के लिए कट्टरपंथी बनाया। इतना ही नहीं, उसने तो इन युवाओं को वित्तीय मदद भी की। ISIS 2019 में दक्षिण भारत में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रहा था और उस वक्त ताहा ही उनकी मदद कर रहा था। ताहा विदेश से सक्रिय ISIS हैंडलर्स के सीधे संपर्क में था।

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Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 17 April 2024 at 08:20 IST