अपडेटेड 1 January 2025 at 19:34 IST

BJP पर आतिशी का आरोप, कहा- दिल्ली में पूजा स्थलों को ध्वस्त करने की साजिश

आतिशी ने आरोप लगाया कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय राजधानी में मंदिरों और एक बौद्ध धार्मिक स्थल को ध्वस्त करने की साजिश रच रही है।

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Delhi CM Atishi | Image: facebook

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को आरोप लगाया कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय राजधानी में मंदिरों और एक बौद्ध धार्मिक स्थल को ध्वस्त करने की साजिश रच रही है तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी (आप) ने पुजारियों और ग्रंथियों को 18,000 रुपये मासिक मानदेय देने का वादा किया है।

आतिशी ने मंगलवार को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दावा किया था कि

आतिशी ने मंगलवार को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर दावा किया था कि सक्सेना के अधीन एक ‘धार्मिक समिति’ ने 22 नवंबर को अपनी बैठक में दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में मंदिरों और एक बौद्ध पूजा स्थल समेत छह धार्मिक संरचनाओं को ध्वस्त करने का आदेश दिया था।

उपराज्यपाल कार्यालय ने मंगलवार को लगाए मुख्यमंत्री के आरोप का खंडन करते हुए उन पर ‘‘ओछी राजनीति’’ करने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि किसी भी पूजा स्थल को ध्वस्त नहीं किया जा रहा है, क्योंकि इस संबंध में कोई फाइल उनके पास नहीं आई है।

बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आतिशी ने उपराज्यपाल कार्यालय के खंडन को ‘‘पूरी तरह गलत’’ करार दिया और धार्मिक समिति की बैठक की कार्रवाई की एक प्रति दिखाई।

उन्होंने दावा किया, ‘‘समिति के आदेश की फाइल भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र के प्रतिनिधि उपराज्यपाल को भेजी गई थी। उपराज्यपाल ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालयों और पुलिस को सूचित कर दिया गया है तथा वे पूजा स्थलों को ध्वस्त करने की तैयारी कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सुंदर नगरी में जिस बौद्ध धार्मिक संरचना को ध्वस्त करने साजिश रची जा रही है, उसमें डॉ. बी.आर. आंबेडकर की मूर्ति है। आतिशी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश से गठित होने के बाद से धार्मिक समिति दिल्ली सरकार के गृह मंत्री के अधीन काम करती रही है और उसके निर्णयों को मंत्री द्वारा अनुमोदित किया जाता रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि, सक्सेना ने पिछले साल निर्देश दिया था कि किसी भी धार्मिक स्थल को गिराना या किसी और जगह स्थानांतरित करना कानून व्यवस्था का मामला है और यह केंद्र तथा उपराज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में आता है। उन्होंने दावा किया कि धार्मिक समिति का फैसला दिल्ली के मुख्यमंत्री या गृह मंत्री के समक्ष पेश नहीं किया गया था।

आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करना चाहती है और कहा कि अगर उपराज्यपाल का कार्यालय ऐसा नहीं करना चाहता है तो ध्वस्तीकरण का आदेश वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। एक तरफ वे हिंदुओं के रक्षक होने का दावा करते हैं तो दूसरी तरफ वे गुप्त रूप से मंदिरों को ध्वस्त करने की साजिश रचते हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप ने दिल्ली में सत्ता में लौटने पर मंदिरों के पुजारियों और गुरुद्वारों के ग्रंथियों को 18,000 रुपये देने का वादा किया है, जबकि भाजपा ने धर्म के नाम पर वोट मांगने के बावजूद हिंदुओं के लिए कुछ नहीं किया है।

उन्होंने बताया कि जिन छह धार्मिक ढांचों को ध्वस्त किया जाना है वे वेस्ट पटेल नगर, दिलशाद गार्डन, सुंदर नगरी, सीमा पुरी, गोकल पुरी और न्यू उस्मानपुर में स्थित हैं।

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(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 1 January 2025 at 19:34 IST