अपडेटेड 27 November 2025 at 19:28 IST

असम में एक अधिक शादी की तो खानी पड़ेगी जेल की हवा, सदन में पास हुआ बिल; जानिए कितनी हो सकती है सजा

Assam: असम सरकार ने बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए एक विधेयक पारित किया है। इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य राज्य में बहुविवाह प्रथा का अंत करना है। इस विधेयक में दोषियों के लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है।

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असम में एक अधिक शादी की तो खानी पड़ेगी जेल की हवा, सदन में पास हुआ बिल | Image: X

Assam: असम विधानसभा के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा है। असम सरकार ने विधानसभा में बहुविवाह पर रोक लगाने के लिए विधेयक पास किया है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा द्वारा पेश किए गए इस बिल से राज्य में बहुविवाह प्रथा को खत्म करना है। इस बिल से महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को मजबूत करने को लेकर भी महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बिल के अनुसार दोषी व्यक्ति के लिए सजा का भी प्रावधान किया गया है। दोषी को जेल की सजा देने के अलावा पीड़ित को मुआवजा देने का भी प्रावधान है।

असम बहुविवाह निषेध विधेयक 2025

असम विधानसभा में बहुविवाह पर रोक लगाने 'असम बहुविवाह निषेध विधेयक 2025' मंगलवार को पारित हो गया है। इस विधेयक से राज्य में महिलाओं के साथ हो रही अत्याचार को खत्म करना है। बिल में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा दूसरी शादी करना, जबकि पहली शादी कानूनी रूप में वैध है, तो उसे अपराध माना जाएगा और दोषी के लिए बिल के तहत सजा का प्रावधान किया जाएगा।

7 साल की जेल का प्रावधान

असम विधानसभा में बहुविवाह 2025 के तहत अगर कोई राज्य में बहुविवाह मामले में दोषी पाया जाता है, तो उसे अधिकतम 7 साल की जेल हो सकती है। इसके अलावा, इस विधेयक में पीड़ित महिला को मुआवजा का भी प्रावधान किया गया है। इससे पीड़ित महिला को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।

विधेयक इस्लाम के विरुद्ध नहीं

असम बहुविवाह निषेध विधेयक, 2025 पारित किए जाने से पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, "इस्लाम बहुविवाह को बढ़ावा नहीं दे सकता। अगर यह विधेयक पारित हो जाता है, तो आपको सच्चा मुसलमान होने का मौका मिलेगा। यह विधेयक इस्लाम के विरुद्ध नहीं है। सच्चे इस्लामी लोग इस अधिनियम का स्वागत करेंगे।

सरकार बनी तो लागू करेंगे UCC

मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि अगर वो 2026 में विधानसभा चुनाव जीतते हैं और सरकार बनाते हैं, तो राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार बनाते हैं, तो शादी की न्यूनतम उम्र 21 साल कर देंगे।

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 27 November 2025 at 19:21 IST