अपडेटेड 6 June 2023 at 22:26 IST
PM मोदी के गृहनगर में बनेगा Archaeological Experiential Museum, महाभारत काल से जुड़ी चीजों का होगा संरक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर में महाभारत काल से जुड़ी हुई चीजों को सहेजते हुए एक Archaeological Experiential Museum बनाया जाएगा।
Gujarat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहनगर में महाभारत काल से जुड़ी हुई चीजों को सहेजते हुए एक Archaeological Experiential Museum बनाया जाएगा। संस्कृति मंत्रालय और गुजरात सरकार वडनगर में एक मॉर्डन ऑर्किलॉजिकल एक्सपेरीमेंटल म्यूजियम बनाने जा रही है।
ऑर्किलॉजिकल एक्सपेरीमेंटल म्यूजियम को ऐसे थीम पर बनाया जाएगा जो 2500 सालों के दौरान 7 सांस्कृतिक झलक के जरिए से शहर के विकास को दर्शाएगा। साथ ही खुदाई में निकले पैदल पथ का भी दिखाया जाएगा।
संग्रहालय का मुख्य भवन 13, 525 वर्ग मीटर में फैला होगा। इसमें वडनगर में मानव बस्ती के इतिहास का वर्णन प्रस्तुत किया जाएगा। खुदाई के दौरान मिली 40,000 से ज्यादा कलाकृतियों के साथ इतिहास को फिर से बनाने और पुरातनता की महत्वपूर्ण वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
इमर्सिव टेक्नोलॉजी जैसे एआर/वीआर, 3डी डिस्प्ले, इंस्टालेशन, रेप्लिका और डायोरमास के साथ ही, आकर्षक गतिविधियां जैसे डिस्कवरी रूम, कियोस्क, ऑडियो गाइड, वर्कशॉप भी इसका हिस्सा होंगे।
खुदाई की जगह पर स्थाई आवरण बनाया जाएगा, जो 2095 वर्ग मीटर में फैला होगा। यह भारत में अपनी तरह का पहला, उत्खनन स्थल (Excavation Site) पर एक अनुभवात्मक पैदल मार्ग (Experiential Trail) खुदाई किए गए अवशेषों को प्रदर्शित करेगा। यह पुरातात्विक स्थल के 2500 सालों की 7 सांस्कृतिक चरणों के क्रोनोलॉजिकल डेवलपमेंट का यूनिक एक्सपीरिएंस देगा।
वडनगर पर रिसर्च की पहल
ऐतिहासिक शहर की पुरातात्विक विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, वडनगर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 18 से 20 मई तक आयोजित किया गया था। देश भर में वडनगर पर किए जा रहे शोध को आगे बढ़ाने के लिए गुजरात सरकार ने एक अनूठा कदम उठाया था।
इसमें जिन प्रमुख संस्थानों ने सहयोग किया है, उनमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (गांधीनगर), भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (खड़गपुर), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बीरबल साहनी पुराविज्ञान संस्थान, CEPT विश्वविद्यालय, अहमदाबाद विश्वविद्यालय और भूकंपीय अनुसंधान संस्थान शामिल हैं।
रिसर्च के प्रमुख बिंदू
- वडनगर का ऐतिहासिक महत्व
- धर्म और विश्वास का विकास
- व्यापार एवं वाणिज्य
- कला और वास्तुकला
- सतत जल प्रबंधन अभ्यास
- भूकंपीय गतिविधियों का अनुसंधान
- भोजन और आहार रुझान
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 6 June 2023 at 22:19 IST

