अपडेटेड 29 December 2025 at 15:07 IST

Aravalli Hills SC Hearing: 'देश की जनता सड़क पर उतरी लेकिन मंत्री जी क्यों नहीं समझ पा रहे...', बोले गहलोत, SC के फैसले पर किसने क्या कहा?

अरावली ऑर्डर पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। साथ ही खनन पर सरकार से जानकारी भी मांगी गई है। अब कोर्ट के इस फैसले पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। जानतें हैं कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक के नेताओं ने क्या कहा?

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Aravalli Hills SC Hearing | Image: Republic/X

अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा में हुए नए बदलाव के बाद छिड़े विवाद पर 29 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने अपने 20 नवंबर के फैसले में दिए गए उन निर्देशों को सोमवार को स्थगित रखने का आदेश दिया, जिसमें अरावली पहाड़ियों और पर्वतमाला की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली ऑर्डर पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया है। साथ ही खनन पर सरकार से जानकारी भी मांगी गई है। अब कोर्ट के इस फैसले पर सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। जानतें हैं कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक के नेताओं ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने अरावली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि "हमें बहुत खुशी है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर लोक लगा दी है। जिसका हम स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सरकार भी समझ जाएगी कि जनता क्या चाहती है। चारों राज्यों के लोगों और वास्तव में पूरे देश ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया है। अरावली की जरूरत कोर्ट से लेकर सरकार सबको समझना होगा। "

अरावली कितनी जरूरी सबको समझना होगा-अशोक गहलोत 

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने आगे कहा, "जिस तरह से यह आंदोलन शुरू हुआ, उसमें युवा, छात्र, आम जनता और एक्टिविस्ट कोई पीछे नहीं रहा। यह इस पीढ़ी का हा नहीं, आने वाली पीढ़ियों का सवाल है। अगर अरावली इस देश में नहीं रहेगी तो देश का क्या होगा? दिल्ली आज गैस चैंबर बन गया है। अगर अरावली खत्म हो गई, तो पूरे देश में और कितने गैस चैंबर बन जाएंगे? क्या कोई इसकी कल्पना भी कर सकता है? टॉप एक्सपर्ट्स की राय सामने आ रही है, और इन दिनों लगातार सामने आ रही है। सरकार को समझना चाहिए कि अरावली कितनी ज़रूरी है, और उन्हें इतनी जल्दबाजी में सिफारिश नहीं देनी चाहिए थी।"

 दूध का दूध पानी का पानी साबित हो गया- जयराम रमेश 

अरावली पर कोर्ट फैसले पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "आज सुप्रीम कोर्ट में बिल्कुल दूध का दूध पानी का पानी साबित हो गया कुछ दिनों से पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव मुझ पर आरोप लगा रहे थे कि मैं और अशोक गहलोत जी अरावली को लेकर राजनीति कर रहे हैं। अरावली दिल्ली, हरियाणा,राजस्थान और गुजरात के लिए और देश के लिए जरूरी है लेकिन ये लोग इसे बिगाड़ने में लगे हुए थे।"

बीजेपी पर हमला बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा, "अरावली को बचाने का बीजेपी का कोई इरादा नहीं था बेचने का था। अभी हम जितने प्रदूषण में जी रहे हैं इससे और ज्यादा करना चाहते थे तो हमने ये मुद्दे उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पर और विचार और अध्ययन होगा...भूपेंद्र यादव को इस्तीफा देना चाहिए। हमारी सिर्फ यही मांग है क्योंकि उन्होंने हम पर गंभीर आरोप लगाए। आज सुप्रीम कोर्ट में साबित हो गया कि वो आरोप गलत था...हमें अरावली में हरियाली वापस लाना है। ये जीवन के लिए जरूरी है और हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।"

पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने क्या कहा?

वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट किया, "मैं अरावली रेंज से जुड़े अपने आदेश पर रोक लगाने और मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक नई समिति बनाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का स्वागत करता हूं। हम अरावली रेंज की सुरक्षा और बहाली में MOEFCC से मांगी गई सभी सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मौजूदा स्थिति के अनुसार, नए माइनिंग लीज या पुराने माइनिंग लीज के रिन्यूअल के संबंध में खनन पर पूरी तरह से रोक जारी है।"

 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 29 December 2025 at 15:07 IST