अपडेटेड 31 March 2025 at 23:46 IST
विश्व के पुनर्निर्माण के लिए बहुत उपयोगी है प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली : भागवत
मोहन भागवत ने विश्व पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में देश की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि विश्व समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने विश्व पुनर्निर्माण की प्रक्रिया में देश की प्राचीन ज्ञान प्रणालियों के महत्व पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि विश्व समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है।
वैदिक गणित पर एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए भागवत ने वैश्विक कल्याण के लिए आधुनिक वैज्ञानिक ज्ञान के साथ-साथ पारंपरिक भारतीय ज्ञान के महत्व को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में निहित ज्ञान न केवल भारतीय ज्ञान प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक संदर्भ में भी इसका बहुत महत्व है।
भागवत ने कहा, ‘‘विश्व समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है और प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली दुनिया के पुनर्निर्माण के लिए बहुत उपयोगी है।’’
उन्होंने कहा कि विश्व लंबे समय से भारत से समाधान की मांग कर रहा है जो आज और भी बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें कोई अन्य समाधान नहीं मिल रहा है।
आरएसएस प्रमुख ने कहा कि यदि भारत विश्व का नेतृत्व करना चाहता है, तो उसे पिछले 2,000 वर्षों में विकसित ज्ञान पर विचार करना होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, यह दृष्टिकोण अधूरा और असफल है। इस अपूर्णता को दूर करने के लिए, हमारे आंतरिक मूल्यों के आधार पर हमारे शास्त्रों की समीक्षा कर देश की उन्नति के लिए आज के संदर्भ में उनका प्रभावी उपयोग करना आवश्यक है।’’
Published By : Deepak Gupta
पब्लिश्ड 31 March 2025 at 23:46 IST