अपडेटेड 15 September 2025 at 20:38 IST
अनंत अंबानी के वनतारा को सुप्रीम कोर्ट से मिली क्लीन चिट, SIT रिपोर्ट पर कहा- सभी नियमों का पालन हुआ, बदनाम न करें
अनंत अंबानी के वनतारा को हाथियों के स्थानांतरण मामले में SIT ने क्लीन चिट दी है। कोर्ट ने कहा कि हाथियों के स्थांतरण में सभी नियमों का पालन किया गया, बदनाम ना करें।
रिलायंस फाउंडेशन के वनतारा को हाथियों के स्थानांतरण मामले में बड़ी राहत मिली है। SIT जांच रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा को क्लीन चिट दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि अदालत द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल द्वारा प्रस्तुत जांच रिपोर्ट ने गुजरात के जामनगर में रिलायंस फाउंडेशन की पशु बचाव, देखभाल और पुनर्वास पहल, वनतारा को क्लीन चिट दे दी है।
बता दें, SIT ने शुक्रवार को रिपोर्ट कोर्ट में पेश की, जिसके बाद सोमवार को SC ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि अगर वनतारा वन विभाग से हाथियों को अपने संरक्षण में लेने के दौरान पूरी प्रक्रिया का पालन करता है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है। हमारे द्वारा गठित SIT ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जांच टीम प्राधिकरण अनुपालन और नियमों से संतुष्ट है।
सोमवार को SC ने को की रिपोर्ट की समीक्षा
SC ने कहा, "वनतारा कानूनों का कड़ाई से पालन कर रहा है; इसे बदनाम न करें।" रिपोर्ट को जस्टिस पंकज मिथल और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने अपने पास रख लिया। उन्होंने यह भी कहा कि वनतारा के अधिकारियों ने अनुपालन और नियामक प्रक्रियाओं पर संतुष्टि व्यक्त की है। शुक्रवार को रिपोर्ट भेजे जाने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसकी समीक्षा की। SC ने कहा कि रिपोर्ट की समीक्षा के बाद, वह उसी दिन एक व्यापक निर्णय देगा।
25 अगस्त को SC ने SIT जांच का दिया आदेश
कानून तोड़ने के अलावा भारत और अन्य जगहों से जानवरों, खासकर हाथियों को लाने के आरोपों को देखते हुए कोर्ट ने 25 अगस्त को वनतारा के खिलाफ जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। मीडिया और सोशल मीडिया रिपोर्टों और गैर-सरकारी संगठनों और वन्यजीव संगठनों की विभिन्न शिकायतों के आधार पर वनतारा के खिलाफ अनियमितताओं का दावा करने वाली दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, SC ने चार सदस्यीय SIT टीम का गठन किया, जिसका नेतृत्व एससी के एक पूर्व जस्टिस कर रहे हैं।
इससे पहले वनतारा में रह रहे हाथियों को उनके मालिकों को वापस करने के लिए एक निगरानी समिति बनाने की याचिकाकर्ता सीआर जया सुकिन की याचिका को शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को पूरी तरह से अस्पष्ट बताया था।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 15 September 2025 at 16:08 IST