अपडेटेड 22 December 2024 at 16:41 IST

अमित शाह ने त्रिपुरा में बसाये गए ब्रू आदिवासी गांव का दौरा किया

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को त्रिपुरा के सुदूर बुरहा पाड़ा गांव का दौरा किया और ब्रू आदिवासी समुदाय के सदस्यों से कहा, ‘‘मैं आपसे ज्यादा खुश हूं। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र)मोदी जी भी बहुत खुश हैं कि हम 40 साल बाद आपका पुनर्वास कर सके।’’

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Home Minister Amit Shah reviews Manipur situation as unrest continues, to hold hey security meeting tomorrow | Image: PTI

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को त्रिपुरा के सुदूर बुरहा पाड़ा गांव का दौरा किया और ब्रू आदिवासी समुदाय के सदस्यों से कहा, ‘‘मैं आपसे ज्यादा खुश हूं। प्रधानमंत्री (नरेन्द्र)मोदी जी भी बहुत खुश हैं कि हम 40 साल बाद आपका पुनर्वास कर सके।’’

शाह ने कहा कि केंद्र सरकार त्रिपुरा सरकार के साथ मिलकर विस्थापित ब्रू (रियांग) परिवारों के पुनर्वास के लिए सर्वोत्तम प्रयास कर रही है ताकि वे अपने घरों में सम्मान के साथ रह सकें।

उन्होंने कहा कि वह इस बात से अत्यंत प्रसन्नता के साथ वापस जाएंगे कि मोदी सरकार त्रिपुरा में सभी विस्थापित ब्रू लोगों का सफलतापूर्वक पुनर्वास करने में सफल रही है।

उन्होंने बसने वाले लोगों से कहा, ‘‘हमने आपके लिए 25 तरह के आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए हैं। इनमें पशुपालन, डेरी, मधुमक्खी पालन और बाजरा की खेती शामिल है।’’ ग्रामीणों से संवाद के अलावा गृहमंत्री शाह ने कई घरों का दौरा किया और लोगों की समस्याओं और उन्हें मिल रहे सरकारी लाभों के बारे में जानकारी ली।

जब कुछ निवासियों ने शाह को बताया कि उन्हें अभी तक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड नहीं मिले हैं, तो उन्होंने उन्हें आश्वासन दिया कि दो दिनों के भीतर सभी को कार्ड मिल जाएंगे और जिला मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

मिजोरम के तीन जिलों - ममित, लुंगलेई और कोलासिब - से ब्रू प्रवासी 1997, 1998 और 2009 में मिजोरम में ब्रू और मिजो समुदायों के बीच गंभीर जातीय हिंसा के कारण उत्तरी त्रिपुरा जिले में आए थे।

उत्तम कुमार रियांग ने शाह को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उनके पुनर्वास के लिए कदम उठाए जाने से पहले ब्रू शरणार्थी बहुत दयनीय स्थिति में रह रहे थे। रियांग ने कहा, ‘‘पहले हम झुग्गियों में रहते थे, लेकिन अब हमारे पास पक्के घर हैं। अब हमारे पास आधार और वोटर कार्ड हैं। हमने पूर्व में वोट डाले हैं।’’

सोलह जनवरी, 2020 को हस्ताक्षरित एक चतुष्पक्षीय समझौते के बाद ब्रू आदिवासियों का पुनर्वास किया गया। त्रिपुरा में ब्रू प्रवासियों के स्थायी पुनर्वास के लिए भारत सरकार, त्रिपुरा और मिजोरम की सरकारों और ब्रू संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

ब्रू (रियांग) आदिवासियों में से लगभग 70 प्रतिशत हिंदू हैं, जबकि शेष ईसाई हैं। ब्रू आदिवासियों की पुनर्वास कॉलोनियों की स्थापना के लिए त्रिपुरा के उत्तरी त्रिपुरा, धलाई, गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों में कुल 12 स्थानों की पहचान की गई थी। इनमें से नौ वन भूमि पर हैं, जबकि तीन सरकारी भूमि पर हैं। अधिकारियों ने कहा कि इन 12 चिह्नित स्थानों पर बसावट का काम जारी है। समझौते के तहत इन परिवारों को फिर से बसाने के लिए 754 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है।

अधिकारियों ने बताया कि समझौते के तहत पुनर्वास के लिए परिवारों की अंतिम संख्या 6,935 है, जिनकी जनसंख्या 37,584 है। बिजली की लाइन, आंतरिक सड़कों पर ईंट बिछाना, पेयजल उपलब्ध कराने के लिए गहरे ट्यूबवेल की स्थापना, बिजली के बुनियादी ढांचे का निर्माण, घरों तक संपर्क, सौर स्ट्रीट लाइट की स्थापना, नयी उचित मूल्य की दुकानें, आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल और स्वास्थ्य उप-केंद्र खोलना जैसे सामान्य विकास कार्य 11 स्थानों पर लगभग पूरे हो चुके हैं।

अधिकारियों के अनुसार, दक्षिण त्रिपुरा जिले में अंतिम स्वीकृत पुनर्वास कॉलोनी, काला लॉगांग में सामान्य विकास कार्य जारी है और इस वित्तीय वर्ष के अंत तक पूरा होने की संभावना है। एक अधिकारी ने बताया कि इन परिवारों को 12 कॉलोनियों में फिर से बसाने के लिए कुल मिलाकर 821.98 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सामान्य विकास कार्यों के लिए कुल राशि में से, 793.65 करोड़ रुपये केंद्रीय गृह मंत्रालय और 28.34 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा वहन किए जा रहे हैं। अब तक गृह मंत्रालय ने 693.13 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिनमें से 406.42 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के तहत सीधे लाभार्थियों को दिए गए हैं।

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 22 December 2024 at 16:41 IST