अपडेटेड 5 May 2025 at 17:08 IST
'यदुवंशी अखिलेश यादव को गाय-गोबर-गोवंश से नफरत', CM योगी के घेर रहे थे सपा प्रमुख, बीजेपी नेता ने दिया करारा जवाब
बीजेपी ने कहा कि अखिलेश यादव ऑस्ट्रेलिया जाकर भारतीय संस्कृति, संस्कार को भूल गए या मजहबी तुष्टिकरण की राजनीति की नाते गाय, गंगा और गीता का अपमान करते हैं।
Uttar Pradesh News: अखिलेश यादव को भारतीय जनता पार्टी ने करारा जवाब दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश ने सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल का मजाक उड़ाया था। उसके बाद बीजेपी के नेता अब अखिलेश यादव को घेरने के लिए उतर चुके हैं। पार्टी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि यदुवंशी अखिलेश यादव को गाय, गोबर और गोवंश से नफरत है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाए और अपील की कि सरकारी भवनों पर गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट का इस्तेमाल किया जाए। इस पर तंज कसने के लिए अखिलेश यादव कूद पड़े। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने लिखा- 'गोबरनामा: भाजपा सरकार का नया कारनामा'। इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने पलटवार किया है।
अखिलेश को राकेश त्रिपाठी ने जवाब दिया
राकेश त्रिपाठी ने अपने बयान में कहा- 'यदुवंशी अखिलेश यादव को गाय, गोबर और गोवंश से नफरत है। ऑस्ट्रेलिया जाकर भारतीय संस्कृति, संस्कार को भूल गए या मजहबी तुष्टिकरण की राजनीति की नाते गाय, गंगा और गीता का अपमान करते हैं।' बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि गोवंश की समृद्धि के लिए उपहास उड़ाने की बजाय प्रोत्साहन करना चाहिए।
सीएम योगी ने आखिर क्या कहा?
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सरकारी भवनों पर गाय के गोबर से बने प्राकृतिक पेंट के इस्तेमाल और डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के अधिक उपयोग का आह्वान किया। परिवार को मुख्यमंत्री योगी ने लखनऊ में पशुपालन और डेयरी विकास विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इसी बीच मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य में गौ संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने देशी गाय की नस्लों के लिए मंडल स्तरीय प्रतियोगिता आयोजित करने और 'गौ आश्रय स्थलों' को मान्यता देने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने इस क्षेत्र में इनोवेशन और एक्सीलेंस को प्रोत्साहित करने के लिए गाय आधारित उत्पाद बनाने वाले संगठनों के लिए प्रतियोगिता आयोजित करने का भी सुझाव दिया। मुख्यमंत्री को बताया गया कि 40968.29 हेक्टेयर चारागाहों को अतिक्रमण से मुक्त कर दिया गया है, जिसमें से 12168.78 हेक्टेयर हरा चारा उत्पादन के लिए समर्पित है।
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 5 May 2025 at 17:08 IST