अपडेटेड 4 November 2024 at 14:11 IST

अजीत रानाडे का पुणे के गोखले इंस्टीट्यूट के कुलपति पद से इस्तीफा

जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. अजीत रानाडे ने गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकनोमिक्स’ (जीआईपीई) के कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी सोमवार को पुणे स्थित प्रतिष्ठित संस्थान के अधिकारियों ने दी।

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Ajit Ranade resigns as vice chancellor of Pune's Gokhale institute | Image: X/ @gipe_official

जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ. अजीत रानाडे ने गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकनोमिक्स’ (जीआईपीई) के कुलपति के पद से इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी सोमवार को पुणे स्थित प्रतिष्ठित संस्थान के अधिकारियों ने दी। इससे पहले एक तथ्यान्वेषी समिति की उस रिपोर्ट के बाद 14 सितंबर को तत्कालीन कुलाधिपति विवेक देवरॉय ने रानाडे को पद से हटा दिया था जिसमें पाया गया कि जीआईपीई के कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता पर विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के अनुरूप नहीं है।

जीआईपीई के नवनियुक्त कुलाधिपति संजीव सन्याल ने 22 अक्टूबर को रानाडे को कुलपति पद से हटाने के आदेश को वापस ले लिया था और उन्हें इस पद पर बने रहने की अनुमति दे दी थी। रानाडे ने 29 अक्टूबर को सन्याल को दिए अपने त्यागपत्र में कहा कि वह व्यक्तिगत कारणों से जीआईपीई के कुलपति का पद छोड़ रहे हैं।

रानाडे ने पत्र में कहा, ‘‘कृपया इस बात पर गौर करें कि मेरा यह त्यागपत्र किसी भी तरह से अक्टूबर 2021 में कुलपति के रूप में मेरी नियुक्ति में किसी त्रुटि या अयोग्यता को स्वीकार करने का संकेत नहीं है।’’ उन्होंने संस्थान का नेतृत्व करने का अवसर प्रदान करने के लिए जीआईपीई के प्रबंधन बोर्ड, सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसाइटी (एसआईएस-संस्थान की मूल संस्था) के न्यासियों और कॉलेज के कर्मियों को भी धन्यवाद दिया।

संस्थान के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि रानाडे ने कुलपति पद से इस्तीफा दे दिया है। सितंबर में कुलपति पद से हटाए जाने के बाद रानाडे ने इस फैसले को चुनौती देने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था और स्थगन आदेश प्राप्त किया था।

उच्च न्यायालय द्वारा रानाडे को हटाने के आदेश पर रोक लगाने के बाद, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष देवरॉय ने 27 सितंबर को कुलाधिपति के पद से इस्तीफा दे दिया था और कहा था कि उन्हें जीआईपीई में इस पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। वह उस समय प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष थे। देवरॉय (69) का एक नवंबर को दिल्ली में निधन हो गया। एसआईएस द्वारा 1930 में स्थापित जीआईपीई देश में अर्थशास्त्र का सबसे पुराना अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान है।

 

Published By : Ritesh Kumar

पब्लिश्ड 4 November 2024 at 14:11 IST