अपडेटेड 6 December 2025 at 15:09 IST

'जब तक दुनिया रहेगी, तब तक...', ओवैसी को क्यों याद आया 6 दिसंबर 1992 का वो दिन, सुनिए ऑडियो पोस्‍ट में AIMIM चीफ ने क्या-क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट में लिखकर देने के बावजूद दुनिया की आंखों के सामने पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद को शहीद कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात को कहा कि 1949 में मस्जिद में घुसकर मूर्तियां रखी गई मस्जिद की बेहुरमति की गई।

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Asaduddin Owaisi | Image: ANI

6 दिसंबर के मौके पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी मस्जिद पर बयान दिया है। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "आज 6 दिसंबर है आप और हम जानते हैं कि 6 दिसंबर 1992 को क्या हुआ था। सुप्रीम कोर्ट को वादा करके कि बाबरी मस्जिद को हाथ नहीं लगाया जाएगा। तमाम संघ परिवार के लोग जमा हुए लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती। इन सब ने वादा किया था कि मस्जिद को हाथ नहीं लगाया जाएगा, लेकिन उसके बाद बाबरी मस्जिद को शहीद कर दिया गया। 

सुप्रीम कोर्ट में लिखकर देने के बावजूद दुनिया की आंखों के सामने पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद को शहीद कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात को कहा कि 1949 में मस्जिद में घुसकर मूर्तियां रखी गई मस्जिद की बेहुरमति की गई। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह वायलेशन रूल ऑफ लॉ था। लेकिन हम देखते हैं कि फिर कोर्ट ने उन तमाम लोगों को बरी कर दिया जो बाबरी मस्जिद को शहीद करने में शामिल थे।"

‘जब तक दुनिया रहेगी, तब तक बाबरी मस्जिद का जिक्र करते रहेंगे’

ओवैसी ने कहा, संघ परिवार ये जान ले कि जबतक दुनिया रहेगी तबतक बाबरी मस्जिद का जिक्र करते रहेंगे। उन्‍होंने आगे कहा कि ह अपने बच्चों को दुनिया को अलविदा कहने से पहले सिखा कर जाएंगे कि अगर हमारी सिसकियां बाकी रहेंगी तो हम कलमा भी पढ़ेंगे और कहेंगे कि बाबरी की सहादत को याद रखने के लिए।

मुर्शिदाबाद में हुमायूं कबीर ने रखी मस्‍जिद की नींव

हुमायूं कबीर ने रेजिनगर में कड़ी सुरक्षा के बीच मस्जिद का शिलान्यास किया। कबीर ने मंच पर आए मौलवियों के साथ एक रस्मी रिबन काटा, और इस दौरान जगह पर “नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर” के नारे लग रहे थे, जहां सुबह से हजारों लोग जमा थे।  शिलान्यास समारोह कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ, जिसमें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए रेजिनगर और आस-पास के बेलडांगा इलाके में पुलिस, RAF और सेंट्रल फ़ोर्स की बड़ी टुकड़ियां तैनात की गईं। शिलान्यास समारोह के लिए, कबीर ने 6 दिसंबर को चुना, जो अयोध्या की बाबरी मस्जिद गिराए जाने की बरसी है।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 6 December 2025 at 15:09 IST