अपडेटेड 7 July 2024 at 17:25 IST

हाथरस वाले बाबा पर बड़ा अपडेट, डायरी ने खोले राज! कन्नौज में था अगला सत्संग, मंगल के दिन से खास लगाव

Hathras News: हाथरस के बाद 6 अगस्त को कन्नौज में नारायण साकार हरि का सत्संग होना था। एक डायरी मिली है, जिसमें बाबा के सत्संग का पूरा ब्योरा लिखा हुआ है।

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नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' की 'डायरी' से कई राज खुले। | Image: X/R Bharat

Baba Narayan Sakar Hari: हाथरस वाले सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' की डिक्सनरी में मंगलवार का दिन काफी अहम है। दावा है कि मंगलवार के दिन ही 'भोले बाबा' भूत-बाधा दूर करने की बात करता था। 2 जुलाई को भी मंगलवार का दिन था, जब हाथरस में भगदड़ के दौरान 121 लोग या यूं कहें कि बाबा के भक्त बेमौत मर गए। अब इससे भी आगे की कहानी ये है कि 6 अगस्त 2024 को मंगलवार के दिन ही उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बाबा के सत्संग का आयोजन होने वाला था। रिपब्लिक भारत के पास वो एक्सक्लूसिव डायरी है, जिसमें बाबा के सत्संग का पूरा ब्योरा लिखा हुआ है।

रिपब्लिक भारत की टीम उस टैंट हाउस में पहुंची, जहां से कथित तौर पर हाथरस के पूरे सत्संग को मैनेज किया जाता था। मतलब यहीं से कथित तौर पर सारा बंदोबस्त, पूरी व्यवस्था की रूप रेखा तय होती थी। इसी टैंट हाउस में रिपब्लिक भारत को नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' की एक कथित डायरी मिली है, जिसमें उसके कार्यक्रमों की तारीख और पूरे व्यवस्था का ब्योरा दर्ज है। एक्सक्लूसिव डायरी से ही पता चला है कि हाथरस के बाद 6 अगस्त 2024 को उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बाबा के सत्संग का आयोजन होने वाला था।

कन्नौज में राज कपूर को लगाना था टैंट

कन्नौज में टेंट कितने फीट ऊंचा बनेगा, कितने गेट होंगे और कितने सेवादार होंगे, इन सब बातों का ब्योरा इसी डायरी में दर्ज था। डायरी में लिखित जानकारी के मुताबिक, कन्नौज के कार्यक्रम का मंच 6 फीट का बनाया जाना था। 1 सिंहासन, मंच की रेलिंग, बैरिकेडिंग, 450 सीलिंग का पांडाल, एक मैनगेट, मैन रास्ते के पाइपों से बैरिकेडिंग करनी थी और वापसी के रास्ता की बैरिकेडिंग होनी थी। डायरी में ये भी दर्ज है कि कन्नौज के कार्यक्रम में टैंट की जिम्मेदारी राज कपूर नाम के शख्स को दी गई थी।

हाथरस में भी राजकपूर का टैंट लगा था

बताया जाता है कि राज कपूर वही शख्स है, जिसने हाथरस के कार्यक्रम में टैंट लगाया था। हादसे के बाद कार्यक्रम के टैंट को लेकर भी कई सवाल उठे हैं। इसमें कई लूप होल निकलकर आए, जिसमें सबसे बड़ा लूप होल ये था कि एंट्री गेट और एग्जिट गेट एक ही बनाया गया था। माना जाता है कि जिस तरह लाखों की तादाद में यहां लाखों लोग पहुंचे थे, लेकिन टैंट में व्यवस्था लगभग 60 हजार लोगों के आसपास की थी।

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Published By : Amit Bajpayee

पब्लिश्ड 7 July 2024 at 16:28 IST